December 21, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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माताओं ने पुत्रो के दीर्घायु होने के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत रखा

बरहज/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)। बुधवार को नगर की सड़क व घाट जीवित्पुत्रिका व्रत रखने वाली माताओं से भर गया था, हजारों की संख्या में महिलाओं ने पुत्रो की लंबी आयु के लिए सर्वप्रथम सरयू की पवित्र जलधारा में स्नान कर भगवान जीमूतवाहन की श्रद्धा व आस्था के साथ पूजा अर्चना की। बताते चलें कि जीवित्पुत्रिका व्रत को जियूतिया व्रत भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में इसे बेहद महत्वपूर्ण और कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। इस पर्व में माताएं अपनी संतानों के अच्छे स्वास्थ्य, उज्जवल भविष्य और लंबी आयु के लिए पूरे दिन निर्जला उपवास रखती हैं। इस दिन माताएं भगवान जीमूतवाहन की पूजा करती हैं और अपनी संतानों के लम्बी आयु के लिए भगवान से आशीर्वाद मांगती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को, जीवित्पुत्रिका व्रत रखा जाता है। इस साल 25 सितंबर 2024 यानी बुधवार के दिन जीवित्पुत्रिका व्रत रखा गया। इस व्रत को करने से संतान को दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है और भगवान श्रीकृष्ण आपकी संतान की सदैव रक्षा करते हैं। माना जाता है कि इस कठिन व्रत को करने से संतान से जुड़ी सभी बाधाये दूर हो जाती हैं। वही इस व्रत के दौरान कुछ बातों का विशेष रखना होता हैं, अन्यथा यह व्रत खंडित भी हो सकता है।