November 22, 2024

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मदर ऑफ-डेमोक्रेसी भारतवासी गदगद हुए 

भारत की जी-20 अध्यक्षता की थीम वन अर्थ वन फैमिली वन फ्यूचर में सभी प्राथमिकताएं समाहित 

गोंदिया Rkpnews– वैश्विक स्तरपर पिछले तीन दिनों से भारत सहित दुनिया की मीडिया में जो हम तस्वीरें वीडियो और टीवी चैनलों पर टेलीकास्ट में जी-20 के आर्थिक संपन्न और दुनिया को चलाने वाले वैश्विक नेताओं की हमारे पीएम के प्रति बॉडी लैंग्वेज और उनको दिए जा रहे अति उत्साही महत्व, उनके साथ गेट टुगेदर बातचीत करने की होड़, वनस्थली पर प्रमुखता, जी-20 अध्यक्ष के रूप में भारत को जबरदस्त सहयोग देने का प्रण, भारत के प्रति आकर्षण, ब्रिटेन के पीएम भारतीय मूल के ऋषि सुनक द्वारा भारतीय नागरिकों को दो वर्षों का वीजा देने का प्रण, वैश्विक नामी नेताओं द्वारा ट्विटर हैंडल पर भारत की तारीफ और साथ देने के बयानों सहित ऐसी अनेक गतिविधियां हर भारतीय सहित वैश्विक समुदाय ने देखी होगी, जिससे मेरा मानना है कि हम कह सकते हैं भारत का वैश्विक स्तरपर डंका बजा।

मदर ऑफ डेमोक्रेसी भारतवासी गदगद हुआ। चूंकि 16 नवंबर 2022 को जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण कर भारत ने अपनी टीम वन अर्थ वन फैमिली वन फ्यूचर पर अपना रुख स्पष्ट किया,इसलिए आज हर भारतीय प्रमुखतासे गौरवविंत महसूस कर रहा है। 

साथियों पीएम नें कहा भारत जी-20 का जिम्मा ऐसे समय ले रहा है जब विश्व जॉपोलीटिकल तनावों, आर्थिक मंदी, खाद्यान्न और ऊर्जा की बढ़ी हुई कीमतों, और महामारी के दीर्घकालीन दुष्प्रभावों से एक साथ जूझ रहा है। ऐसे समय, विश्व जी-20 की तरफ आशा की नजर से देख रहा है। आज मैं यह आश्वासन देना चाहता हूँ कि भारत की जी-20 अध्यक्षता  समावेशी,महत्वाकांक्षी निर्णायक, और कार्रवाई उन्मुख होगी।इसलिए आज हमपीआईबी में आई जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे भारत का डंका। 

साथियों बात अगर हम अमेरिका इंग्लैंड फ्रांस इटली ऑस्ट्रेलिया सहित अनेक देशों के प्रमुखों के साथ माननीय पीएम की बातचीत की करें तो, पीएम नें माननीय ऋषि सुनक को पदभार ग्रहण करने पर बधाई दी।दोनों राजनेताओं ने विस्तृत भारत ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी की मौजूदा स्थिति और भविष्य में आपसी संबंधों के लिए रोडमैप 2030 की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। दोनों राजनेताओं ने जी 20 और राष्ट्रमंडल सहित द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय फोरम में साथ मिलकर काम करने के विशेष महत्व की सराहना की।इस बैठक के दौरान आपसी सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे कि व्यापार,गतिशीलता  रक्षा और सुरक्षा पर चर्चा हुई। भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों नेताओं ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत दोनों देशों के बीच संबंधों की उत्कृष्ट स्थिति तथा दोनों के बीच नियमित आधार पर होने वाली उच्चस्तरीय बातचीत पर संतोष व्यक्त किया। दोनों नेताओं ने रक्षा,व्यापार, शिक्षा, स्वच्छ ऊर्जा और दोनों देशों के लोगों के बीच पारस्परिक संबंध सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को प्रगाढ़ करने में हुई प्रगति की समीक्षा की। शिक्षा, विशेषकर उच्च शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के क्षेत्र में संस्थागत भागीदारी पर विस्तार से चर्चा की गई। इन मुद्दों में एक स्थिर एवं शांतिपूर्ण हिन्द-प्रशांत क्षेत्र, जलवायु संबंधी मामलों और भारत की जी20 की अध्यक्षता से संबंधित उनका साझा दृष्टिकोण शामिल था। पीएम ने प्रधानमंत्री सुश्री मेलोनी को इटली की प्रथम महिला प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई दी। दोनों नेताओं ने व्यापार व निवेश, आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई और लोगों के बीच मेलमिलाप सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सम्बम्धों को प्रगाढ़ बनाने पर चर्चा की।दोनों नेताओं ने आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। पीएम नें फ्रांस गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम श्री इमैनुएल मैक्रॉन से मुलाकात पर दोनों राजनेताओं ने रक्षा, असैन्य परमाणु, व्यापार और निवेश जैसे विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे सहयोग की समीक्षा की। दोनों राजनेताओं ने आर्थिक संबंधों के नए क्षेत्रों में सहयोग को प्रगाढ़ करने का भी स्वागत किया।पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई। भारत और जर्मनी के बीच व्यापक द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की, जिसने आईजीसी के दौरान पीएम और चांसलर द्वारा हरित एवं सतत विकास से संबंधित साझेदारी पर हस्ताक्षर के साथ एक नए चरण में प्रवेश किया। दोनों नेता व्यापार एवं निवेश संबंधों को और अधिक गहरा करने तथा रक्षा एवं सुरक्षा, प्रवासन एवं आवागमन व बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए।दोनों नेता जी-20 और संयुक्त राष्ट्र सहित बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग एवं समन्वय बढ़ाने पर सहमत हुए। पीएम और फ्रांस गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम श्रीइमैनुएल मैक्रॉन दोनों राजनेताओं ने रक्षा, असैन्य परमाणु, व्यापार और निवेश जैसे विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे सहयोग की समीक्षा की। दोनों राजनेताओं ने आर्थिक संबंधों के नए क्षेत्रों में सहयोग को प्रगाढ़ करने का भी स्वागत किया।पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई।भारत और सिंगापुर पीएम,दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच व्यापार तथा निवेश संपर्कों, खास तौर से फिन-टेक, नवीकरणीय ऊर्जा, कौशल विकास, स्वास्थ्य तथा फार्मा क्षेत्रों को विस्तार देने के विषयों पर अपने संकल्प को दोहराया। पीएम ने सिंगापुर को आमंत्रित किया कि वह विभिन्न सेक्टरों में निवेश करे, जिनमें हरित अर्थव्यवस्था, अवसंरचना और डिजिटलीकरण शामिल हैं। इसके अलावा, भारत के राष्ट्रीय महत्व की सामाजिक व आर्थिक अवंसरना परियोजनाओं, परिसम्पत्ति मुद्रीकरण योजना और गति शक्ति योजना से लाभ उठाने के लिए भी सिंगापुर का आह्वान किया।दोनों नेताओं ने हाल के वैश्विक और क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। पीएम नें भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति में सिंगापुर की भूमिका की और 2021-2024 के दौरानआसियान भारत सम्बन्धों में उसकी समन्वयकारी भूमिका की सराहना की। दोनों नेताओं ने भारत आसियान बहु-आयामी सहयोग को और बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने की इच्छा दोहरायी। पीएम ने उपरोक्त सभी नेताओं को अगले वर्ष जी-20 शिखर सम्मेलन में सम्मिलित होने के लिए भारत पधारने का आमंत्रण दिया। ब्रिटिश पीएम कार्यालय ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आज ब्रिटेन-इंडिया यंग प्रोफेशनल्स स्कीम की पुष्टि की गई, जिसमें 18-30 वर्षीय डिग्री-शिक्षित भारतीय नागरिकों को 3 हज़ार स्थानों की पेशकश की गई, ताकि वे ब्रिटेन में आकर दो साल तक रह सकें और काम कर सकें।

साथियों बात अगर हम हमारे माननीय पीएम द्वारा 16 नवंबर 2022 को जी-20 के समापन समारोह में संबोधन की करें तो, पीएम ने जी-20 के अन्य नेताओं के साथ आज बाली में  तमन हटन राया नगुराह राय मैंग्रोव वनों का दौरा किया और वहां पौधे लगाए। मैंग्रोव वैश्विक संरक्षण प्रयासों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत इंडोनेशिया की जी-20 अध्यक्षता के तहत मैंग्रोव एलायंस फॉर क्लाइमेट (एमएसी) जोकि इंडोनेशिया और यूएई की संयुक्त पहल है,  में शामिल हो गया है।भारत में 5 हज़ार वर्ग किलोमीटर में फैली मैंग्रोव की 50 से अधिक प्रजातियां पाई जा सकती हैं। भारत मैंग्रोव के संरक्षण और उनकी बहाली पर जोर दे रहा है, जो जैव विविधता के समृद्ध स्थल हैं और प्रभावी कार्बन सिंक के रूप में काम करते हैं। प्राकृतिक संसाधनों पर स्वामित्व का भाव आज संघर्ष को जन्म दे रहा है, और पर्यावरण की दुर्दशा का मुख्य कारण बना है। प्लानेट  के सुरक्षित भविष्य के लिए, विश्वसनीयता का भाव ही समाधान है। आज आवश्यकता है कि विकास के लाभ सर्व-स्पर्शी और सर्व-समावेशी हों। हमें विकास के लाभों को मम-भाव और सम-भाव से मानव-मात्र तक पहुंचाना होगा। वैश्विक विकास महिलाओं की भागीदारी के बिना संभव नहीं है। हमें अपने जी-20 एजेंडा मे वूमेन लेड डेवलपमेंट पर प्राथमिकता बनाए रखनी होगी। बिना शांति और सुरक्षा, हमारी आने वाली पीढ़ियाँ आर्थिक वृद्धि प्रौद्योगिकी इनोवैशन का लाभ नहीं ले पायेंगी। जी-20 को शांति और सौहार्द के पक्ष मे एक दृढ़ संदेश देना होगा।यह सभी प्राथमिकताएं भारत की जी-20 अध्यक्षता की थीम – वन अर्थ वन फैमिली वन फ्यूचर-में पूर्ण रूप से समाहित हैं।जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करना हर भारतीय के लिए गर्व का अवसर है। हम अपने देश के विभिन्न शहरों और राज्यों मे, जी-20 की बैठकें आयोजित करेंगे। हमारे अतिथियों को भारत की अद्भुतत विविधता, समावेशी परंपराओं, और सांस्कृतिक समृद्धि का पूरा अनुभव मिलेगा। हमारी कामना है कि आप सभी मदर ऑफ डिमाक्रसी भारत मे इस अद्वितीय उत्सव में सहभागी होंगे। साथ मिल कर हम जी-20 समूह को वैश्विक बदलाव का कैटलिस्ट बनाएंगे। 

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारत का डंका। मदर ऑफ डेमोक्रेसी भारतवासी गदगद हुए। भारत की जी-20 की अध्यक्षता की थीम वन अर्थ वन फैमिली वन फ्यूचर में सभी प्राथमिकताएं समाहित हैं।वैश्विक प्रमुख नेताओं का भारत के प्रति आकर्षण भारतीय नेता से मिलने की होड़ बॉडी लैंग्वेज और प्रमुखतासे हर भारतीय  सेरवविंत हुआ है। 

संकलनकर्ता लेखक कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र