
जय जगदंबे जय कात्यायनी माँ,
जगमाता सब जग की महारानी,
सब जग में है स्थान तुम्हारा माँ,
वरदात्री कात्यायनी तुम हो माँ।
नाम धाम हैं कई तुम्हारे माता,
सब स्थान सुखधाम तेरे हैं माँ,
ज्योति तुम्हारी घर मंदिर जलती,
योगेश्वरी की महिमा न्यारी माँ।
जगह जगह आरती करते माँ,
हर मंदिर में भक्त पधारें माँ,
कात्यायनी माँ रक्षक सबकी,
माया जाल मोह का काटें माँ।
झूठे फ़रेब छुड़ानेवाली माँ,
अपना नाम जपाने वाली माँ,
दिन प्रतिदिन माँ की पूजा करना,
ध्यान कात्यायनी माँ का धरना।
संकट दूर करेगी कात्यायनी माँ,
भंडारे भरपूर करेगी यह दुर्गा माँ,
आदित्य माँ को भक्त पुकार रहे,
कात्यायनी माँ सब कष्ट निवारे।
कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
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