Tuesday, October 14, 2025
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मप्र के मुरैना-शिवपुरी: 500 हिंदू बच्चों का मदरसों में नामांकन

एनएचआरसी सदस्य ने धर्मांतरण का गंभीर आरोप लगाते हुए तुरन्त जाँच की माँग

मुरैना (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)मध्य प्रदेश में सरकारी अनुदान प्राप्त मदरसों में कथित हिंदू बच्चों की भर्ती पर एनएचआरसी सदस्य प्रियांक कानूनगो की तीखी प्रतिक्रिया; शिक्षा विभाग को 15 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश
मध्य प्रदेश के मुरैना और शिवपुरी जिलों में करीब 500 हिंदू बच्चों को सरकारी अनुदान प्राप्त मदरसों में नामांकन दिलाए जाने की शिकायतें सामने आई हैं। एनएचआरसी के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने मंगलवार को बताया कि शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि इन बच्चों को कुरान सहित इस्लामी शिक्षा दी जा रही है ताकि उन्हें इस्लाम में धर्मांतरित किया जा सके।

शिकायत की प्रकृति : शिकायत के अनुसार, 27 अनधिकृत मदरसों में 556 हिंदू बच्चों को दाखिला कराया गया है।

एनएचआरसी की कार्रवाई : इस मामले को मध्य प्रदेश सरकार को जाँच हेतु भेजा गया है।

कानूनगो का पक्ष : उन्होंने जोर देकर कहा कि हिंदू बच्चों का मदरसों में प्रवेश अनुचित है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि मुस्लिम बच्चे मदरसों में शिक्षा ग्रहण करें, तो उन्हें आधारभूत स्कूल शिक्षा भी साथ-साथ मिलनी चाहिए। कानूनगो ने इसे अनुच्छेद 28(3) के उल्लंघन बताया। उन्होंने यह भी कहा कि यदि यह सरकारी धन से हो रहा है, तो राज्य सरकार दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करे।

एनएचआरसी ने मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर 15 दिन में जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

यह मामला धर्म, शिक्षा, संवैधानिक अधिकार और धार्मिक समानता के मुद्दे को केंद्र में लाता है।यदि आरोप सत्य पाए जाते हैं, तो यह सरकारी नियंत्रण, निगरानी और जनहित सूचनाएँ सुधारने की आवश्यकता को जन्म देगा।संबंधित राज्य सरकार की जवाबदेही, नियमों का पालन और नीति स्पष्टता पर महत्वपूर्ण सवाल उठते हैं।

यह मामला न केवल प्रशासनिक जवाबदेही का है, बल्कि धार्मिक स्वतंत्रता एवं शिक्षा के अधिकार की संवैधानिक कसौटी पर भी खड़ा है। राज्य सरकार और शिक्षा विभाग को समयबद्ध और पारदर्शी जाँच कर यह तय करना होगा कि शिक्षा व्यवस्था में उचित संतुलन बनाए रखा जाए — जिससे किसी भी समुदाय की संवैधानिक स्वतंत्रता बाधित न हो।

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