July 30, 2025

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संसद का मॉनसून सत्र अब 21 अगस्त तक, अहम विधेयकों पर टकराव तय

नई दिल्ली।(राष्ट्र की परम्परा डेस्क)
संसद का मॉनसून सत्र अब 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त 2025 तक चलेगा। यह सत्र पहले 12 अगस्त तक निर्धारित किया गया था, लेकिन सरकार ने इसे एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है। इस फैसले को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है क्योंकि माना जा रहा है कि सरकार इस अतिरिक्त समय में कुछ अहम विधेयकों को पारित कराना चाहती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पूरी तैयारी के साथ सत्र में उतरने जा रही है। वहीं, विपक्षी दल भी अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे चुके हैं। ऐसे में संसद के दोनों सदनों में तीखी बहस और नोकझोंक की संभावना जताई जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, इस सत्र के दौरान सरकार जिन प्रमुख विधेयकों को पेश कर सकती है, उनमें जनसंख्या नियंत्रण विधेयक, एकल नागरिक संहिता (Uniform Civil Code), डिजिटल निजता विधेयक और नए कृषि सुधार कानून शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा कुछ आर्थिक सुधारों से जुड़े प्रस्ताव भी एजेंडे में रखे जा सकते हैं।

विपक्ष की रणनीति:
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और वाम दलों सहित प्रमुख विपक्षी दलों ने महंगाई, बेरोजगारी, मणिपुर हिंसा, परीक्षा प्रणाली में गड़बड़ी (NEET-UG, UGC-NET), और कथित लोकतांत्रिक संस्थाओं के दुरुपयोग जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है।

सत्र बढ़ाने का औपचारिक कारण:
लोकसभा सचिवालय के अनुसार, सरकार ने यह निर्णय विधायी कार्यों की भारी मात्रा को ध्यान में रखते हुए लिया है। हालांकि विपक्ष का आरोप है कि सरकार बहुमत के बल पर विवादास्पद बिलों को जल्दबाज़ी में पास कराना चाहती है।

यह मॉनसून सत्र कई दृष्टियों से अहम साबित हो सकता है। जहां सरकार अपनी नीतियों को आगे बढ़ाने की कोशिश करेगी, वहीं विपक्ष जन मुद्दों को उठाकर सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश करेगा। देखना दिलचस्प होगा कि इस सत्र में कौनसी आवाजें संसद की दीवारों से बाहर तक पहुंचती हैं।

(राष्ट्र की परम्परा संवाददाता)
(प्रेस के लिए उपयुक्त संस्करण तैयार)
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