नयी दिल्ली एजेंसी ।एक बार फिर से कांग्रेस के नेता ने एक इंटरव्यू के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को औकात बताने की बात कही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर पलटवार करते हुए साफ तौर पर कहा कि मेरी कोई औकात नहीं है। हमारी औकात तो बस सेवा देने की है। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के नेताओं की ओर से दिए गए बयान को चुनावी हथियार बनाया है। इससे पहले भी ऐसे कई मौके आए हैं, जब मोदी ने कांग्रेसी नेताओं के बयान को चुनावी मुद्दा बनाकर भाजपा को जबरदस्त जीत दिलवाई है। आज हम आपको ऐसे ही मौकों के बारे में बताने जा रहे हैं।
गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष और यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने चुनावी रैली के दौरान गुजरात में दंगों का जिक्र किया था। उसके लिए मोदी को जिम्मेदार ठहराया था। इसी दौरान उन्होंने मोदी को मौत का सौदागर कह दिया था। भाजपा ने इस बयान को गुजरात चुनाव में खूब उठाया। जब चुनावी नतीजे आए तो कांग्रेस मात्र 59 सीटों पर सिमट गई।
प्रियंका गांधी ने अमेठी और रायबरेली में चुनाव प्रचार के दौरान मोदी पर हमला कहते हुए कहा कि नीच की राजनीति। बीजेपी ने इसे मोदी की जाति से जोड़ दिया। खुद प्रधानमंत्री ने अमेठी में एक रैली के दौरान कहा था कि मैं नीची जाति में पैदा जरूर हुआ हूं लेकिन नीच स्तर की राजनीति नहीं करता। इसके बाद चुनावी नतीजे जब आए तो कांग्रेस को बुरी तरीके से हार मिली थी।राफेल डील को लेकर राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा था और कहा था कि चौकीदार चोर है। जवाब में भाजपा और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से एक नारा दे दिया गया था मैं भी चौकीदार हूं। यह मामला 2019 के लोकसभा चुनाव में खूब बड़ा मुद्दा बना। नतीजे भाजपा के पक्ष में आए। भाजपा मोदी के नेतृत्व में एक बार फिर से पूर्ण बहुमत के साथ सरकार में आई।
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