December 4, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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स्त्री एवं पुरुष एक दूसरे के पूरक होते हैं : कुलपति

शब्दों के माध्यम से स्त्रियों की इतिहास रचना हो सकती है : प्रो राजवंत राव

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग में मिशन शक्ति फेज 5 के अंतर्गत “भारतीय संस्कृति और स्त्री” विषयक एक कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि स्त्री एवं पुरुष एक दूसरे के पूरक होते है। पुरुष एवं स्त्री को समान रूप से देखने पर बल देते हुए कुलपति ने कहा कि स्त्री एवं पुरुष दोनों की मानसिकता को बदलने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलंबन को मिशन शक्ति का ध्येय बताया।
मुख्य वक्ता प्रो. नंदिता सिंह, पूर्व अधिष्ठाता कला संकाय ने कहा कि स्त्री एवं पुरुष दोनों के सहयोग से समाज में परिवर्तन होता है। संस्कृति एवं प्रकृति एक दूसरे से जुड़ी होती हैं। प्रकृति एवं संस्कृति के समन्वय से यह पृथ्वी चल रही है। स्त्री ही सभ्यता को बचाएगी। पृथ्वी एवं स्त्री दोनों ही हमारी संरक्षणकर्ता है। स्त्रियों की हर क्षेत्र में भागीदारी सुनिश्चित करके हम उन्हें शक्तिशाली बना सकते हैं। वर्तमान समय में इको फेमिनिज्म एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। वंदना शिवा लगातार इस क्षेत्र में काम कर रही हैं। उनकी पुस्तक ‘वैदिक इकोलॉजी’ में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि स्त्री की सक्रिय भूमिका ही एक सुनहरे भविष्य का निर्माण कर पाएगी।
उन्होंने कहा कि वंदना शिवा की पुस्तक ‘द नेचर ऑफ नेचर’ में इस बात का जिक्र किया गया है कि पिछले 30 वर्षों में होने वाले जलवायु परिवर्तन पृथ्वी पर सारे इकोसिस्टम को ध्वस्त कर सकते हैं। गांधी के साथ मेडेलिन स्लेड (मीरा) त्याग और समर्पण की प्रतिमूर्ति थीं।
कला संकाय के अधिष्ठाता, प्रो. राजवंत राव ने कहा कि शब्द जीवित प्राणी हैं। शब्दों के माध्यम से स्त्रियों की इतिहास रचना हो सकती है। उन्होंने बताया कि पत्नी का अर्थ रक्षा करने वाला, भार्या का का अर्थ भरण करने वाला, दंपत्ति का अर्थ घर का स्वामी होता है।
उन्होंने छात्राओं की तरफ संबोधित करते हुए कहा कि सुख, सुविधा, आजादी की अधिक इच्छा उन्नति से अवनति की ओर ले जा सकती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोई भी निर्णय विवेक सम्मत होना चाहिए।
प्रो. प्रज्ञा चतुर्वेदी ने कार्यक्रम के प्रारंभ में विभाग की ओर से कुलपति, गणमान्य अध्यापकों और कर्मचारियों का स्वागत करते हुए कहा कि मिशन शक्ति कार्यक्रम का प्रारंभ ओडिशा के मुख्यमंत्री ने किया था। स्त्रियाँ हर क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। लेकिन उनकी सुरक्षा का प्रश्न आज भी उठता है जो विचारणीय है।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. पद्मजा सिंह ने किया और इस अवसर पर प्रो. विमलेश कुमार मिश्र, प्रो. कमलेश गौतम, डॉ. मणिंद्र यादव, डॉ. विनोद कुमार रावत एवं अनेक शोध छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।