बच्चों का मन जितना कोमल होता है, उतना ही ग्रहणशील भी। इसी वजह से छोटी उम्र में सुने गए शब्द, संस्कार और ध्वनियाँ उनके व्यक्तित्व को गहराई से प्रभावित करती हैं। प्राचीन भारतीय परंपरा में मंत्रों को ध्वनि-ऊर्जा (Sound Frequency Healing) माना गया है, जो मन, मस्तिष्क, भावनाओं और ध्यान क्षमता को संतुलित रखते हैं। आधुनिक शोध भी मानता है कि नियमित मंत्र-स्मरण बच्चों में एकाग्रता, याददाश्त, आत्मविश्वास और शांति बढ़ाता है।
निम्न मंत्र न केवल अध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि बच्चों के मानसिक, भावनात्मक और बौद्धिक विकास के लिए भी अत्यंत लाभकारी माने जाते हैं।
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- सूर्य मंत्र — सूर्य ग्रह प्रसन्न, ऊर्जा व तेज का संचार
मंत्र:
ॐ घृणि सूर्याय नमः
oṁ ghṛṇi sūryāya namaḥ
यह मंत्र बच्चों में आत्मविश्वास, शारीरिक ऊर्जा और मानसिक तेज को बढ़ाता है। सूर्य की ऊर्जा जीवन को दिशा देती है, इसलिए सुबह के समय यह मंत्र जपना विशेष शुभ माना गया है। पढाई में रुचि व सक्रियता बढ़ाने में यह अत्यंत प्रभावी है। - ॐ नमः शिवाय — चंद्र और राहु शांत, मन को स्थिरता
मंत्र:
ॐ नमः शिवाय
oṁ namaḥ śivāya
यह पंचाक्षरी मंत्र मन को स्थिर, शांत और संतुलित करता है। जिन बच्चों में भय, बेचैनी, गुस्सा या एकाग्रता की कमी हो, उनके लिए यह मंत्र रामबाण है। इसके उच्चारण से नकारात्मकता दूर होती है और मानसिक दृढ़ता बढ़ती है। - गणेश मंत्र — बुध ग्रह संतुलित, बुद्धि-विकास
मंत्र:
ॐ गं गणपतये नमः
oṁ gaṁ gaṇapataye namaḥ
श्री गणेश बुद्धि, सफलता और विघ्न-नाश के देवता हैं। यह मंत्र बच्चों में सीखने की क्षमता, स्मरण शक्ति और तेजस्विता को बढ़ाता है। पढ़ाई में आने वाली रुकावटें कम होती हैं और जटिल विषयों को समझने में सहजता आती है। - गायत्री मंत्र — सभी ग्रहों का समन्वय, संपूर्ण चेतना का विकास
पूर्ण मंत्र:
ॐ भूर्भुवः स्वः।
तत्सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात्॥
oṁ bhūr bhuvaḥ svaḥ
tat savitur vareṇyaṁ
bhargo devasya dhīmahi
dhiyo yo naḥ pracodayāt
दुनिया का सबसे वैज्ञानिक मंत्र माना जाता है। गायत्री मंत्र बच्चों के ध्यान, सोचने की क्षमता, मस्तिष्क विकास, तेजस्विता और एकाग्रता को अद्भुत रूप से मजबूत करता है। यह ग्रहों के समन्वय और जीवन में उज्ज्वलता का प्रतीक है। - महामृत्युंजय मंत्र — मंगल–राहु दोष शांति, संरक्षण और स्वास्थ्य
पूर्ण मंत्र:
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
oṁ tryambakaṁ yajāmahe
sugandhiṁ puṣṭi-vardhanam
urvārukam iva bandhanān
mṛtyor mukṣīya mā’mṛtāt
यह मंत्र बच्चों के स्वास्थ्य, भय-निवारण और सुरक्षा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। यह मन की शांति देता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। मंगल–राहु से संबंधित परेशानियों को भी कम करता है। - सरस्वती मंत्र — विद्या, बुद्धि और स्मरण शक्ति
बीज मंत्र:
ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः
oṁ aiṁ sarasvatyai namaḥ
पूरे मंत्र:
“या कुन्देन्दुतुषारहारधवला
या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा
या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती
निःशेषजाड्यापहा॥”
यह मंत्र बुद्धि, स्मरण शक्ति, रचनात्मक सोच, पढ़ाई में रुचि और कला के विकास के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। परीक्षा देने वाले बच्चों के लिए यह मंत्र अत्यंत लाभकारी है। - ॐ नमो भगवते वासुदेवाय — मन की शांति और बुद्धि-शुद्धि
मंत्र:
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
oṁ namo bhagavate vāsudevāya
यह मंत्र मन को भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य ऊर्जा से जोड़ता है। इससे बच्चों का मन निर्मल, भावनाएँ संतुलित और विचार सकारात्मक होते हैं। पढ़ाई में निरंतरता और दृढ़ता बढ़ती है।
बच्चों के लिए लाभ
✔ एकाग्रता में वृद्धि
✔ अच्छे अंक और पढ़ाई में रुचि
✔ मस्तिष्क की क्षमता तेज
✔ स्मरण शक्ति और समझ मजबूत
✔ ग्रहदोष शांत, भावनात्मक संतुलन
✔ आत्मविश्वास, सकारात्मकता और मन की शुद्धि
✔ मानसिक तनाव में कमी
✔ भय, गुस्सा और बेचैनी में कमी
