December 23, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

इस शुभ त्योहार को सार्थक करें

——XXXXX——

ईद उल अज़हा के मुबारक मौक़े
पर कुर्बानी जानवर ही की न करें,
कुर्बानी करना चाहते हैं तो दोस्तो,
जिद, नफ़रत, बदगुमानी की करें।

बदमिजाजी, घमंड, मक्कारी व
चोरी आदि उन लहजों की करें,
जिनसे तल्ख़ियाँ पैदा होती हैं,
इस अवसर पर दिल साफ करें।

वतनपरस्त बनें, जियें और जीने दें,
उस ऊपरवाले को भी प्रसन्न करें,
आपसी भाईचारा सुनिश्चित करें,
इस शुभ त्योहार को सार्थक करें।

बक़रीद त्याग बलिदान का दिन है,
ख़ुदा का दिया अद्भुत तोहफ़ा है,
आदित्य तोहफ़े की ख़ुशी बाँट लो,
सारी क़यामत की दुआ माँग लो।

ख़ुशियों की ये समाँ और ये पैग़ाम,
आदित्य दिलों में संजों कर रखनी हैं,
ईद, दिवाली, क्रिसमस गुरुपूर्णिमा,
प्यारे वतन हिंदुस्तान की संस्कृति हैं।

कर्नल आदि शंकर मिश्र, आदित्य
लखनऊ – 29 जून 2023