
महासुदर्शन धर वासुदेव को नमन,
श्री धन्वंतरि भगवान जी को नमन,
अमृत कलश जिनके हाथों में है,
महाप्रभू त्रिलोकनाथ को नमन।
सर्व भय से निर्भय करने वाले,
सर्व रोगों से निरोगी करने वाले,
सर्व पापों को नष्ट करने वाले,
त्रिलोक पथगामी प्रभू को नमन।
महाविष्णुस्वरूप, धन्वंतरिस्वरूप,
श्री श्री श्री औषधचक्र धारी प्रभू,
श्री ॐ नमोनारायण जी को नमन,
महाप्रभू त्रिलोक स्वामी को नमन।
भगवान धनवंतरि अमृतधारी हैं,
सारे अनिष्ट वही नष्ट करते हैं,
आदित्य त्रिलोक नाथ को नमन,
विष्णु अवतार श्रीराम को नमन।
डा० कर्नल आदि शंकर मिश्र
‘आदित्य’
More Stories
हमारे शब्द और सोच
गुप्त नवरात्रि:नौवीं महाविद्या मातंगी देवी
ईश्वर सबको प्रसन्न रखता है