June 19, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

माघ मकरगति…

माघ मकर गति रवि जब होई,
तीरथ पतिहिं आव सब कोई,
महाकुंभ का आयोजन इस वर्ष
फिर प्रयागराज संगम में होई।

करोड़ों – करोड़ श्रद्धालु आयेंगे,
देश विदेश से संगम स्नान करेंगे,
साधू – संतों के डेरे संगम तट पर,
नागा साधू अपनी धूनी रमायेंगे।

मकर संक्रांति पर्व उत्तर भारत में,
पोंगल पर्व मनाते दक्षिण भारत में,
लोहड़ी मनाई जाती है पंजाब में,
बिहू पर्व मनाया जाता है असम में।

देव, दनुज, किन्नर, नर, श्रेनी।
सादर मज्जहिं सकल त्रिवेनी॥
पूजहि माधव पद जल जाता।
परसि अखय वटु हरषहि गाता॥

भरद्वाज आश्रम अति पावन।
परम रम्य मुनिबर मन भावन॥
तहाँ होइ मुनि रिषय समाजा।
जाहिं जे मज्जन तीरथराजा॥

मज्जहिं प्रात समेत उछाहा।
कहहिं परसपर हरि गुन गाहा॥
ब्रह्म निरूपन धरम बिधि
बरनहिं तत्त्व बिभाग।
ककहिं भगति भगवंत कै
संजुत ग्यान बिराग॥

माघमासे गमिष्यन्ति
गंगायमुनसंगमे।
ब्रह्माविष्णु महादेव रुद्रादित्यमरुदगणा:॥

अर्थात् :- ब्रह्मा, विष्णु, महादेव, रुद्र, आदित्य तथा मरुद्गण माघ मास में प्रयागराज के लिए यमुना के संगम पर गमन करते हैं। उत्तरायण का सूर्य आपके स्वप्नों को नयी ऊष्मा प्रदान करे, आपके यश एवम् कीर्ति में उत्तरोत्तर वृद्धि हो, आप परिजनों सहित स्वस्थ रहें, दीर्घायु हों, यही हार्दिक शुभकामना है। मकर संक्रान्ति के पावन पर्व पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें।

  • कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’