शाहजहांपुर(राष्ट्र की परम्परा) जैतीपुर स्थित राजकीय पशु चिकित्सालय सफेद हाथी बन कर रह गया है।यहां स्टाफ के साथ साथ दवाइयों का भी टोटा पड़ा हैं। ग्रामीण महंगे दामों पर प्राइवेट चिकित्सक से अपने पशुओं का इलाज करवाने को मजबूर हैं।तीन-तीन अस्पतालों का चार्ज देख रहे पशु चिकित्सक के ग्रामीणों को दर्शन दुर्लभ हो गए हैं।वैक्सीनेटर के सहारे अस्पताल चल रहा है।डॉक्टर द्वारा स्टोर रूम में ताला डाल देने से अस्पताल आने वाले पशुपालकों को दवाई भी नहीं मिल पा रही है। चिकित्सालय खोल रहे वैक्सीनेटर में बताया कि अस्पताल में करीब 10 दिन से जरूरत की दवाइयां नहीं है।इस दौरान उन्होंने अस्पताल आए डॉक्टर से दवाइयां निकालने को कहा तो बहाना कर दिया,कहा पशुपालक आते हैं बेचारे परेशान होकर लौट जाते हैं।बताया जब दवाई ही नहीं मिलेगी तो इलाज कैसे होगा।वहीं शुक्रवार को गांव जिगनिया के विनय प्रताप सिंह लंपी वायरस से पीड़ित अपनी साहीवाल गाय की दवाई लेने पशु चिकित्सालय आए।लेकिन न दवाई न पशु चिकित्सक वह मायूस होकर लौट गए, उन्होंने बताया कि उनके क्षेत्र में कहीं भी वैक्सीनेशन नहीं हुआ है।क्षेत्र में लम्पी वायरस की शुरुआत हुई हैं।अभी ध्यान देने की जरूरत है।नहीं तो स्थिति बिगड़ सकती है। क्षेत्र में गौहावर,नौगवा गोविंदपुर, खेड़ा बझेड़ा, गढ़िया रंगीन, जिगनिया आदि गांवो में लंपी वायरस से पीड़ित गो वंशीय पशु मिलने से पशु पालक भी परेशान हैं।इस संबंध में जब प्रभारी पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मो शोबान से फोन पर बात करने की कोशिश की तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।
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