
(रिपोर्ट -घनश्याम तिवारी )
बलिया (राष्ट्र की परम्परा) बलिया जनपद के गांव-गांव में लंपी स्किन डिज़ीज़ ने दहशत फैला दी है। इस खतरनाक वायरस की चपेट में अब तक 4.34 लाख गोवंशीय और 2.49 लाख महिषवंशीय पशु आ चुके हैं। बीमारी की वजह से लगातार हो रही मौतों ने पशुपालकों की रातों की नींद छीन ली है। सबसे बड़ी चुनौती यह है कि पशु चिकित्सालयों में वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो चुका है। विभाग को अब तक केवल 50 हजार डोज ही मिले थे, जबकि जिले में लाखों पशुओं का टीकाकरण होना बाकी है। सुखपुरा क्षेत्र के राम जनम ओझा, नगरा के धनंजय सिंह और नवानगर के महेंद्र यादव जैसे दर्जनों पशुपालक बताते हैं कि “अगर समय पर वैक्सीन मिल जाती तो हालात इतने भयावह न होते। बीमारी के शुरुआती लक्षण में पशुओं को तेज बुखार, त्वचा पर गांठें, दूध सूख जाना और भूख न लगना शामिल है। कई जगह मौत के मामले भी सामने आए हैं। अकेले नगरा व चिलकहर ब्लॉक के 150 गांवों में एक हजार से अधिक पशु बीमार हैं, जबकि सलेमपुर इलाके में 22 गायों की मौत हो चुकी है। हालात की गंभीरता को देखते हुए पशुपालन विभाग ने 22 चिकित्सकों की टीम तैनात की है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. सुशील कुमार मिश्र का दावा है कि बचाव के उपाय तेज़ी से किए जा रहे हैं और अतिरिक्त वैक्सीन की डिमांड भेजी गई है।
फिर भी नवानगर, नगरा और चिलकहर जैसे इलाकों के पशुपालक विभाग की कार्यवाही से नाखुश हैं। उनका कहना है कि “गांव-गांव में रोग फैल रहा है, लेकिन न तो टीकाकरण हो रहा है और न ही जानकारी दी जा रही है। अब देखना यह है कि विभाग की कोशिशें कितनी कारगर साबित होती हैं और लाखों पशुओं पर मंडराते इस संकट को कैसे टाला जाता है।


