
(पंडित जय प्रकाश पाण्डेय द्वारा राष्ट्र की परम्परा के माध्यम से प्रस्तुति)
🌿 भारतीय संस्कृति में ग्रहों को देवतुल्य स्थान दिया गया है। प्रत्येक ग्रह किसी न किसी देवता से जुड़ा हुआ है। ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह (गुरु) को सबसे शुभ और कल्याणकारी ग्रह माना गया है। इसे देवताओं का गुरु, ज्ञान, धर्म, आस्था और समृद्धि का प्रतीक बताया गया है। पुराणों के अनुसार, बृहस्पति का सीधा संबंध विष्णु भगवान से है, क्योंकि विष्णु स्वयं धर्म और सत्पथ के रक्षक हैं, और गुरु उसी पथ के मार्गदर्शक।
🌼 बृहस्पति ग्रह और विष्णु भगवान का संबंध
बृहस्पति को देवताओं का आचार्य कहा गया है। वे देवराज इंद्र के राजगुरु भी हैं।
धर्म, न्याय, नीति और आध्यात्मिकता बृहस्पति का स्वभाव है, और यही गुण भगवान विष्णु के स्वरूप में प्रकट होते हैं।
श्रीमद्भागवत महापुराण में उल्लेख है कि जब भी अधर्म बढ़ता है, तब भगवान विष्णु अवतार लेकर धर्म की रक्षा करते हैं। इसी प्रकार ज्योतिष में बृहस्पति जातक को धर्म, सदाचार और सही मार्ग पर ले जाते हैं।
इसलिए गुरुवार का दिन बृहस्पति और विष्णु पूजा दोनों के लिए शुभ माना जाता है।
📖 कथा : देवताओं के गुरु और विष्णु का आशीर्वाद
एक प्राचीन कथा के अनुसार, असुरों ने देवताओं पर विजय प्राप्त कर ली थी। देवताओं ने अपनी हार से दुखी होकर भगवान विष्णु की शरण ली। विष्णु ने कहा कि जब तक देवताओं का मार्गदर्शन करने वाला कोई ज्ञानी आचार्य नहीं होगा, वे विजय नहीं पा सकेंगे।
इसी समय अंगिरा ऋषि के पुत्र बृहस्पति को देवताओं का गुरु बनाया गया। उन्होंने धर्म, ज्ञान और नीति का मार्ग दिखाया। उनके आशीर्वाद और विष्णु की कृपा से देवताओं ने असुरों को पराजित किया।
इस कथा से यह स्पष्ट होता है कि धर्म और विजय का आधार भगवान विष्णु और गुरु (बृहस्पति) की संयुक्त कृपा है।
🕉️ बृहस्पति एवं विष्णु के प्रमुख मंत्र
- बृहस्पति मंत्र (ग्रह शांति हेतु)
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः॥ - विष्णु मंत्र (धन, सौभाग्य व कल्याण हेतु)
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः॥ - संयुक्त प्रार्थना (गुरुवार को विशेष फलदायी)
देवानां च ऋषीणां च गुरुं काञ्चन सन्निभम्।
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्॥
🌟 बृहस्पति ग्रह का ज्योतिषीय महत्व
बृहस्पति कुंडली में उच्च ज्ञान, धर्म, विवाह, संतान सुख और धन का कारक है।
जिसकी कुंडली में बृहस्पति मजबूत होता है, वह व्यक्ति समाज में आदर, ज्ञान और धन प्राप्त करता है।
विष्णु की भक्ति और गुरु का सम्मान करने से बृहस्पति ग्रह की स्थिति सुधरती है।
🌿 गुरुवार को क्या करें?
पीले वस्त्र धारण करें।
भगवान विष्णु और बृहस्पति को पीले पुष्प अर्पित करें।
चने की दाल, केला, हल्दी का दान करें।
शाम को तुलसी पर दीपक जलाएं।
बृहस्पति ग्रह और विष्णु भगवान का गहरा आध्यात्मिक और ज्योतिषीय संबंध है। जहां विष्णु धर्म और विश्व की रक्षा करते हैं, वहीं गुरु धर्ममार्ग दिखाते हैं। मंत्र-जप, गुरुवार का व्रत और दान करने से व्यक्ति को ज्ञान, समृद्धि और जीवन में शुभ फल प्राप्त होता है।