
लखनऊ।(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) राजधानी लखनऊ सहित पूरे प्रदेश और देशभर में आगामी 13 सितंबर को लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में लगने वाली इस लोक अदालत में आम जनता से जुड़े कई मामलों का निस्तारण किया जाएगा।
लोक अदालत का उद्देश्य लोगों को कोर्ट-कचहरी के लंबे चक्कर और जटिल कानूनी प्रक्रिया से राहत दिलाना है। इसमें विशेष रूप से यातायात पुलिस की चलानी कार्रवाई, आपसी विवाद और जिला एवं सत्र न्यायालय से संबंधित विभिन्न समस्याओं का समाधान आपसी सहमति के आधार पर किया जाएगा।
लोक अदालत की विशेषताएं लोक अदालत में किसी प्रकार का कोर्ट शुल्क नहीं लिया जाता।यदि कोई लंबित मामला लोक अदालत में सुलझता है, तो न्यायालय शुल्क वापस कर दिया जाता है। यहां होने वाले निर्णय के विरुद्ध कोई अपील नहीं की जा सकती, जिससे विवाद का स्थायी समाधान हो जाता है। लोक अदालत में विवाद का निस्तारण आपसी समझौते के आधार पर होता है। सुनवाई की प्रक्रिया सरल और जटिलताओं से मुक्त होती है।
विशेष न्यायिक पैनल करेगा सुनवाई इस बार की लोक अदालत में अपर जिला जज मीनाक्षी सोनकर, नोडल अधिकारी व विशेष न्यायाधीश सीबीआई सेंट्रल रविन्द्र कुमार द्विवेदी और जनपद न्यायाधीश बबीता रानी मामलों की सुनवाई करेंगी।
आम जनता के लिए सुनहरा अवसर
न्याय विभाग का मानना है कि लोक अदालत उन लोगों के लिए सुनहरा अवसर है जो लंबे समय से कोर्ट-कचहरी के चक्कर काट रहे हैं। यहां बिना किसी अतिरिक्त खर्च और औपचारिकताओं के आपसी सहमति से विवादों को समाप्त किया जा सकता है।
गौरतलब है कि 13 सितंबर को पूरे देश में एक साथ लोक अदालत का आयोजन होगा, जिसमें बड़ी संख्या में लंबित मामलों के निस्तारण की उम्मीद की जा रही है।