लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क) किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में एक बार फिर सुरक्षा और रखरखाव को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। शुक्रवार को केजीएमयू की न्यू ओपीडी बिल्डिंग में स्थित एक लिफ्ट अचानक तकनीकी खराबी के चलते दूसरी मंजिल पर फंस गई। लिफ्ट में कई मरीज, तीमारदार और स्टाफ मौजूद थे, जो अचानक लिफ्ट के रुक जाने से घबरा गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, लिफ्ट बंद होने के बाद अंदर फंसे लोगों में हड़कंप मच गया। कुछ लोगों ने मोबाइल फोन से वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिससे घटना तेजी से चर्चा में आ गई। वीडियो में लिफ्ट के भीतर मौजूद लोग मदद की गुहार लगाते नजर आए।
समय रहते शुरू हुआ राहत कार्य
घटना की सूचना मिलते ही केजीएमयू प्रशासन और तकनीकी स्टाफ मौके पर पहुंचा। करीब 15-20 मिनट की मशक्कत के बाद लिफ्ट को दोबारा चालू किया गया और फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। लिफ्ट के दोबारा संचालन शुरू होते ही लोगों ने राहत की सांस ली।
प्रशासन की चुप्पी, सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने केजीएमयू प्रशासन की कार्यशैली और सुरक्षा उपायों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आए दिन ओपीडी में हजारों की संख्या में मरीज और तीमारदार पहुंचते हैं, ऐसे में लिफ्ट जैसी जरूरी सुविधाओं का इस तरह फेल होना गंभीर चिंता का विषय है। अभी तक केजीएमयू प्रशासन की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है।
मरीजों और तीमारदारों में नाराज़गी
इस तकनीकी गड़बड़ी के कारण मरीजों और उनके परिजनों में नाराजगी देखी गई। लोगों ने मांग की कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए लिफ्ट की नियमित जांच और रखरखाव सुनिश्चित किया जाए।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
मेडिकल व्यवस्थाओं से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि इतने बड़े संस्थान में जहां रोज हजारों लोगों की आवाजाही होती है, वहां इस तरह की घटनाएं बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। लिफ्ट, अग्निशमन, और अन्य आपातकालीन व्यवस्थाओं की नियमित जांच अनिवार्य होनी चाहिए।
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