अमरावती (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)आंध्र प्रदेश विधानसभा में पिछले दिनों एक संवेदनशील मुद्दा उठाया गया, जब मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू पर कानूनी नोटिस भेजे जाने को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी।
हाल ही में शंकरैया ने नायडू को कानूनी नोटिस भेजा था। नोटिस में आरोप लगाया गया कि नायडू ने विवेकानंद रेड्डी की हत्या के बाद की घटनाओं को लेकर विभिन्न मंचों पर उनके खिलाफ बार-बार ‘झूठा प्रचार’ किया है। शंकरैया का दावा है कि नायडू ने उन पर आरोप लगाया कि उन्होंने हत्या के मामले को छिपाने में भूमिका निभाई, जबकि यह आरोप उनके अनुसार पूरी तरह झूठ है।
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विवेकानंद रेड्डी की हत्या 15 मार्च 2019 को हुई थी, जो कि 2019 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले की घटना थी। इस मामले में नायडू ने विधानसभा में कहा, “मैंने अपने जीवन में इस तरह की चीजें कभी नहीं देखीं। मेरे मुख्यमंत्री रहते हुए वह व्यक्ति उस जगह मौजूद था। उसने मुझे मानहानि का नोटिस भेजने की हिम्मत कैसे की?”
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि शंकरैया ने कानूनी नोटिस भेजने के लिए अपराधियों के साथ सांठगांठ की है। नायडू ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि देश में क्या हो रहा है, जब ऐसे मामले गंभीर राजनीतिक और कानूनी बहस का हिस्सा बन रहे हैं।
विधानसभा में इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच कड़ी बहस देखी गई, और राजनीतिक गलियारों में इस कानूनी विवाद को लेकर हलचल बढ़ गई है। मामले की कानूनी प्रक्रिया और आगे की घटनाओं पर नजरें टिकी हुई हैं।