December 14, 2024

राष्ट्र की परम्परा

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परंपरागत खेती छोड़ शुरू की फूलों की खेती

देवरिया(राष्ट्र की परम्परा)
जनपद के विकास खंड गौरी बाजार अंतर्गत बर्दगोनिया गांव में किसान ओमप्रकाश निषाद ने परंपरागत खेती छोड़, फल फूल एवं सब्जी की खेती शुरू किया है। किसान ओमप्रकाश निषाद का कहना है कि कम पानी के बीच भी बंपर फूलों का उत्पादन कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। स्थिति यह है कि फूलों की खेती से फूलों के खेतों की सुंदरता में भी अच्छा इजाफा हुआ है। इसके चलते लोग फूलों के बीच सेल्फी लेने पहुंच रहे हैं। वहीं पानी की कमी से फूलों के उत्पादन पर कोई असर नहीं हो रहा है। इसके चलते किसान के घर में समृद्धी आ रही है। यही वजह है कि किसान अपनी परंपरागत खेती को छोड़ कर फूलों की खेती कर रहे हैं। गुलाब, गेंदा व सेवंती फूलों से बदली तकदीर। फूलों की खेती करने वाले किसान ओमप्रकाश निषाद की मानें तो वे 20 वर्षों से फूलों की खेती करते चले आ रहे हैं, क्योंकि अपनी परंपरागत खेती में ज्यादा उत्पादन नहीं मिलता था। साथ ही अभी बारिश कम तो कभी अन्य की समस्या खेती में लागत तक नहीं निकल पाती थी। इसके चलते परंपरागत खेती को छोड़ कर फूलों की खेती करना शुरू किया था। इसमें उन्होंने विभिन्न प्रजातियों के फूलों गुलाब, गेंदा, सेवंती,गिलोटी सफेदी आदि फूलों की खेती करना शुरू कर दिया।इन फूलों की बाजार में काफी डिमांड रहती है और दाम भी अच्छे मिलते हैं। साथ ही पूरे परिवार को रोजगार मिल रहा है। फूलों को हम थोक में बेचने के अलावा माला बनाकर कर व गाड़ियों की सजावट करते हैं जिससे अच्छा मुनाफा होता है।