
सिकन्दरपुर/बलिया(राष्ट्र की परम्परा)
एक तरफ देश मे नरेन्द्र मोदी व प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार भूमाफिया ओ पर नकेल कस रही है,और बुलडोजर की कारवाई कर रही है वही दूसरी तरफ भूमाफिया है कि अपने करतूतों से बाज नही आ रहे है। वाकिया सिकन्दरपुर तहसील क्षेत्र के सिसोटार ग्राम सभा मे (बलुवा पर) का है जिसपर सैकड़ो साल से स्थापित लालजी दास की कुटिया है जो की1.08डी0 में फैली है,जो दलित समाज के साधु थे ,जिनकी समाधि बलुआ पर है। जिसमें पुराने पेड़ जैसे आम पीपल, नीम, महुआ सिरफल आदि के पेड़ है, इस जमीन पर तीन पीढियां से लालजी दास के खानदान के लोग काबिज हैं इसमें लालजी दास के बाद रामदहीन दास, रामधीयन, रामदास थे। रामधीयन के दो पुत्र फागु लाल व राधामोहन वही रामदास के भोला व सुधन है तथा रामदहिंन को कोई पुत्र नही था। यह भू भाग राजस्व के अभिलेख मेंभीटा दर्ज है।जिसपर लालजी दास के प्रौत्र राधामोहन, फागुलाल,भोला व सुधन काबिज है। इसी जमीन पर भूमाफियाओ द्वारा दलित की कूटी को कब्जा करने की साजिश की जा रही है। अपितु पूर्व प्रधान व वर्तमान प्रधान द्वारा इसको लालजी दास की कुटी हेतु जमीन दी गयी थी जोकि भीटा की जमीन है।ग्रामवासियो की माने तो यह सैकड़ों साल पुराना कुटिया है जिसमे अब लाल जी दास की समाधि, कुआँ और झोंपड़ी है।जिसपर लालजी दास के खानदान का कब्जा है। इस अवसर पर प्रेमनाथ, भीष्म,शिवदयाल, धर्मु, वीरेंद्र यादव,परशुराम,भीम, रामबाबू, परमेश्वर गिरी, जयशंकर, वीरेंद्र राम,शिवचंद, रामजन्म आदि लोग मौजूद रहे।
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