Friday, November 14, 2025
Homeकविताका चुप साधि रहेउ हनुमाना

का चुप साधि रहेउ हनुमाना

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कृतज्ञ हृदय में चुम्बक जैसा
प्रेम और आकर्षण होता है।
हृदय की विनम्रता से मानव
चमत्कार भी कर पाता है॥

जीवन का हर दिन उम्मीदों
पर ही आधारित होता है।
और यही उम्मीदों का दिन
अनुभव देकर भी जाता है॥

संघर्ष बिना जीवन में सफलता
कहाँ कोई व्यक्ति पा सकता है।
हार नहीं मानूँगा, चुपचाप नहीं
बैठूँगा यह विश्वास काम आता है॥

सफलता श्रम से अर्जित करने वाले
अपना यशगान स्वयं कभी नहीं करते।
उनको मिली सफलता ही उनकी यश
गाथा दुनिया के लोग समझ सकते॥

जंगल का शेर अकेला हो
जंगल में दहाड़ कर रहता है।
सैंकड़ों भेड़ का झुंड शेर से
डरा दूर ही छिपा रहता है॥

इस सामाजिक जंगल में
शेर बने रहना उत्तम है।
भेड़ों का मुखिया बनने से
शेर बने रहना बेहतर है॥

अपने बल की ताक़त का
हमें नहीं पता चल पाता है।
बलशाली बनना है विकल्प,
जग का यही तक़ाज़ा है॥

जामवन्त कह सुनु हनुमाना ।
का चुप साधि रहेउ बलवाना॥
आदित्य अपनी क्षमता नहीं भूलें।
हम अपना बल सदा याद रखें॥

•कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’

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