बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)मैं बेटी हूँ। मुझे संसार में आने दो। मैं ही तो वह हूँ जिससे वंश की अवधारणा पूरी होती है और नया जीवन आकार लेता है। मैं हर परिवार के सुख का आधार हूँ । मेरे बिना मानव जीवन की कल्पना अधूरी है। बेटी के इसी महत्व को बताने व समाज में बेटियों को लेकर भेदभाव मिटाने के लिए भारत सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना बेटी बचावो बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया जा रहा है ।
कन्या जन्म देने वाली माताओं के साथ कन्या जन्मोत्सव कार्यक्रम का आयोजन सीएचसी रिसिया , पयागपुर ,कैसरगंज सहित मेडिकल कालेज के महिला विंग में किया गया मेडिकल कालेज के महिला विंग में कार्यक्रम की मुख्य अतिथि नगर विधायक अनुपमा जायसवाल ने कहा कि जनपद में बेटी के जन्म को लेकर कुछ परिवारों में आज भी उदासी है । एनएफ़एचएस 5 के आंकड़ों के अनुसार बीते पांच वर्षों में 1000 लड़कों के सापेक्ष 848 कन्याओं का जन्म हुआ है । ऐसे में सरकार ने लिंग अनुपात के इस अंतर को मिटाने के लिए इसके लिए “बेटी बचाओ व बेटी पढ़ाओ” कार्यक्रम के तहत प्रत्येक माह के प्रथम व तृतीय सोमवार को स्वास्थ्य केन्द्रों पर कन्या जन्मोत्सव कार्यक्रम आयोजन कराये जाने के निर्देश दिये गए हैं । उन्होंने कहा इतना ही बेटियों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार कन्या सुमंगला योजना के तहत 15 हजार रुपए उसके स्वास्थ्य व शिक्षा के लिए देती है ताकि कोई यह न समझे कि बेटी बोझ है । बेटियों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से साइकिल व लैपटाप भी वितरण किए गए हैं । इसलिए बेटियों को कभी भी बेटों से कमतर नहीं समझना चाहिए ।
एमएलसी डॉ प्रज्ञा त्रिपाठी ने कहा कि एक डॉक्टर होने के नाते जब प्रसव के बाद परिवार वालों को यह बताना होता था कि बेटी का जन्म हुआ है तो पहली बेटी पर उन्हें बताती थी कि यह डॉक्टर बनेगी , दूसरी बार भी बेटी जन्म लेने पर कहती थी कि यह इंजीनियर बनेगी, तीसरी बार बेटी होने पर बताती थी कि यह डीएम बनेगी और चौथी बार भी बेटी हुई तो कहती थी कि यह विधायक बनेगी। उन्होंने कहा आज समाज में ऐसे कई उदाहरण हैं कि बेटियों ने हर क्षेत्र में अपना परचम लहराया है । इसलिए प्रदेश सरकार बेटियों के जन्म पर उत्सव मना रही है और यह संदेश दे रही है कि बेटा और बेटी में कोई अंतर नहीं है ।
जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्र ने कहा हमारे समाज में नारी शक्ति को पूजा जाता है। हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि बेटियों को जन्म देने वाली माताओं के साथ बेटियों का जन्मोत्सव मना रहें हैं। सही पालन पोषण से बेटियां भी बेटों के समान अपनी प्रतिभा से परिवार व समाज को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती हैं । इसलिए यह बहुत जरूरी है कि बेटों के समान बेटियों को भी स्तनपान कराएं ताकि वह कुपोषण का शिकार न बनें । इस अवसर पर केक काट कर 101 कन्याओं को उनके जन्म पर बधाई दी गयी । साथ ही आयी हुईं सभी माताओं को उपहार स्वरूप छोटे बच्चो कपड़े और किट प्रदान कर उन्हें कन्या भ्रूण हत्या रोकने, कन्या जन्म को सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण बताते हुए उन्हें बेहतर शिक्षा ,स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए कहा गया । उक्त कार्यक्रम में जिला प्रोवेशन अधिकारी विनय सिंह , डीएचईआईओ बृजेश सिंह ,जिला दिव्याङ्गजन सशक्तिकरण अधिकारी वीपी सत्यार्थी ,हॉस्पिटल मैनेजर रिजवान ,मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ ओपी चौधरी ,जिला कार्यक्रम अधिकारी राजकपुर सहित अन्य लोग मौजूद रहे ।
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