बिहार की राजनीति में नया उत्साह तब आया जब राजद नेता तेजस्वी यादव को महागठबंधन ने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया। अब पूरा गठबंधन 28 अक्टूबर को अपना संयुक्त चुनाव घोषणापत्र जारी करने जा रहा है। यह घोषणापत्र सिर्फ़ चुनावी दस्तावेज़ नहीं, बल्कि बिहार के रोज़गार, आजीविका और सम्मान की नई दिशा दिखाने वाला विकास संकल्प पत्र बताया जा रहा है।
पटना (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विपक्षी महागठबंधन ने चुनावी मैदान में बड़ा दांव चला है। राजद (राष्ट्रीय जनता दल) के नेतृत्व में बनने जा रहे इस गठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है। इसके साथ ही गठबंधन अब 28 अक्टूबर को अपना संयुक्त घोषणापत्र (Manifesto) जारी करने की तैयारी में है।
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इस घोषणापत्र में तेजस्वी यादव के प्रमुख वादे — हर परिवार को रोजगार, जीविका दीदियों का स्थायीकरण, ब्याजमुक्त ऋण माफी, और 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर — शामिल होंगे। साथ ही कांग्रेस पार्टी के मुफ़्त बिजली, सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर जैसे जनकल्याणकारी वादों को भी इसमें जगह दी जाएगी।
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तेजस्वी यादव ने कहा है कि यह घोषणापत्र “जुमलेबाज़ी नहीं, बल्कि जनता से किया गया वादा” है। पटना में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा, “हमारी सरकार बनने के 20 दिनों के भीतर नया कानून बनेगा और 20 महीनों में बिहार का हर घर रोजगार से जुड़ जाएगा।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जीविका दीदियों के लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे — ब्याज ऋण माफी, प्रति माह ₹2000 का अतिरिक्त भत्ता और 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा। गौरतलब है कि फिलहाल राज्य में 1.45 करोड़ से अधिक जीविका दीदियाँ सक्रिय हैं, जिनकी भूमिका ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अहम है।
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महागठबंधन का यह घोषणापत्र विकास, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा पर केंद्रित होगा। विपक्ष का दावा है कि यह घोषणापत्र बिहार की जनता को “रोज़गार का अधिकार और जीवन का सम्मान” देगा।
