देवरिया (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)विश्व स्तर पर युवा उद्यमियों की सबसे प्रतिष्ठित यात्राओं में शामिल जागृति यात्रा 2025 आज अपने मूल उद्देश्यों के साथ देवरिया पहुँची। यात्रा के संस्थापक एवं देवरिया लोकसभा क्षेत्र के सांसद शशांक मणि ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की थीम पर आधारित यह 18वां संस्करण पूर्वांचल के युवाओं के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोल रहा है।
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उन्होंने बताया कि जागृति उद्यम केंद्र–पूर्वांचल अब गोरक्ष प्रांत के देवरिया, कुशीनगर, गोरखपुर, बस्ती, आज़मगढ़, मऊ, बलिया, महराजगंज, सिद्धार्थनगर और संतकबीरनगर सहित 10 जिलों में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय है।
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यात्रा में देशभर के 525 युवा उद्यमी, जिनमें 190 महिलाएँ शामिल हैं, लगभग 8,500 किमी का सफर तय करते हुए देवरिया–कुशीनगर पहुँच रहे हैं। यह युवा देश के 28 राज्यों से आए हैं और बरगद के संदेश से प्रेरित होकर राष्ट्र निर्माण की दिशा में योगदान का संकल्प ले रहे हैं।
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इस बार यात्रा मुंबई, हुबली, कोच्चि, मदुरै, श्रीहरिकोटा, विशाखापत्तनम, बहरामपुर और नालंदा से होते हुए देवरिया पहुँची है। कल सभी यात्री पहली बार संसद भवन का अवलोकन करेंगे तथा आगे जयपुर और साबरमती आश्रम के पड़ाव पार करते हुए 22 नवंबर को मुंबई में समापन करेंगे।
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जागृति मूवमेंट के संस्थापक शशांक मणि ने कहा कि प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान के अनुरूप यात्रा को इस वर्ष अभियान से जोड़ दिया गया है। यह यात्रा युवाओं को स्वावलंबन, नवाचार और आर्थिक नेतृत्व की दिशा में प्रेरित कर रही है।
जागृति के सीईओ आशुतोष कुमार ने बताया कि इस वर्ष यात्रा के लिए 68,000 आवेदनों में से 525 युवाओं का चयन किया गया है। प्रत्येक पड़ाव पर यात्री देश के प्रमुख रोल मॉडल उद्यमों और जमीनी नवाचारों से परिचित होंगे।
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देवरिया को उन्होंने जागृति आंदोलन की जन्मभूमि बताते हुए कहा कि यहीं से “हम ही भारत, हम ही बदलाव” की सोच को आकार मिला था।
पिछले 18 संस्करणों में जागृति यात्रा ने 26 देशों के 9,000 से अधिक युवाओं को जोड़ा है, जिनमें से 60% गैर-शहरी पृष्ठभूमि और 45% महिलाएँ हैं। लगभग 28% पूर्व यात्रियों ने हेल्थकेयर, शिक्षा, एग्रीटेक, फिनटेक और सस्टेनेबिलिटी में सफल उद्यम खड़े किए हैं।
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एचडीएफसी म्यूचुअल फंड, महाराष्ट्र स्टेट इनोवेशन सोसाइटी, टैली सॉल्यूशंस, कैंपा, बैंक ऑफ इंडिया, EDII, और HP इस यात्रा के प्रमुख सहयोगी संस्थान हैं।
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