नई दिल्ली, (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)
देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को अचानक अपने पद से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति को औपचारिक पत्र सौंपते हुए कहा कि वह तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं।

धनखड़ ने अपने पत्र में लिखा,

“स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा देता हूं।”

बताया जा रहा है कि पिछले कुछ समय से धनखड़ की तबीयत ठीक नहीं चल रही थी। चिकित्सकों ने उन्हें पूर्ण विश्राम की सलाह दी थी, जिसे देखते हुए उन्होंने यह बड़ा फैसला लिया। सूत्रों के अनुसार, उन्हें हाल ही में एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समस्या के लिए इलाज भी कराना पड़ा था, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया।

राष्ट्रपति भवन से मिली जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। अब भारत का उपराष्ट्रपति पद रिक्त हो गया है, जिसे भरने के लिए संविधान के अनुसार आगामी प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।

संवैधानिक प्रावधान

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत उपराष्ट्रपति किसी भी समय राष्ट्रपति को लिखित पत्र देकर त्यागपत्र दे सकते हैं। धनखड़ का इस्तीफा इसी अनुच्छेद के तहत स्वीकार किया गया है।

राजनीतिक जीवन पर एक दृष्टि

जगदीप धनखड़ ने 2022 में उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। इससे पहले वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके थे। एक अनुभवी वकील और राजनेता के रूप में उन्होंने भारतीय राजनीति में लंबा योगदान दिया है।
उनकी कार्यशैली में सख्ती और स्पष्टवादिता की झलक हमेशा दिखी, और बतौर राज्यसभा के सभापति, उन्होंने कई अहम निर्णयों का संचालन किया।

राजनीतिक गलियारों में हलचल

धनखड़ के इस्तीफे के बाद राजनीतिक हलचलों ने भी तेज़ी पकड़ ली है। अब सवाल उठने लगे हैं कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा? बीजेपी और विपक्षी दल इस संबंध में अपने-अपने संभावित नामों पर चर्चा कर सकते हैं।

देशभर में प्रतिक्रियाएं

उनके इस्तीफे की खबर आते ही सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में प्रतिक्रियाओं का सिलसिला शुरू हो गया है। कई नेताओं ने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की है और उनके योगदान की सराहना की है।