अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रास दिवस प्रत्येक वर्ष 8 मई को मनाया जाता है। यह दिवस मानवता, करुणा और निस्वार्थ सेवा की उस वैश्विक परंपरा को समर्पित है, जिसने पिछले डेढ़ सौ वर्षों में लाखों पीड़ितों के जीवन में उम्मीद की किरण जगाई है। इस अवसर पर विश्वप्रसिद्ध मानवतावादी हेनरी ड्यूनां की जयंती भी मनाई जाती है, जिनकी दूरदर्शिता ने आधुनिक मानवीय सहायता की नींव रखी।
1859 में सोलफेरिनो के युद्ध में घायल सैनिकों की दयनीय स्थिति देखकर ड्यूनां के मन में मानवता के लिए गहरी करुणा उपजी। स्थानीय लोगों की सहायता से उन्होंने घायलों को राहत पहुंचाई और बाद में इस अनुभव को अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘ए मेमोरी ऑफ सोलफेरिनो’ में दर्ज किया। यही पुस्तक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानवीय सहायता के लिए एक सुनियोजित संगठन की आवश्यकता का आधार बनी और 1863 में जिनेवा में अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रास समिति की स्थापना हुई।
अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रास दिवस केवल एक स्मरण दिवस नहीं, बल्कि एक दायित्व हैl वह दायित्व जो जीवन, गरिमा और मानवाधिकारों की रक्षा का संकल्प दोहराता है। यह दिवस संदेश देता है कि किसी भी परिस्थिति में मानव पीड़ा को कम करना ही सर्वोच्च लक्ष्य होना चाहिए। यह राजनीति, धर्म, रंग या राष्ट्रीयता से परे जाकर निष्पक्ष और तटस्थ सेवा की भावना को आगे बढ़ाता है।
विश्वभर में रेड क्रास और रेड क्रीसेंट आंदोलन आपात स्थितियों में राहत, प्राथमिक चिकित्सा, स्वास्थ्य सेवाओं, युद्धबंदियों के संरक्षण, विस्थापितों की सहायता और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों के माध्यम से महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आपदाओं की घड़ी में इसकी टीमें सबसे पहले प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचती हैं। रक्तदान अभियानों, जीवनरक्षक प्रशिक्षणों और स्वास्थ्य जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से यह समाज की जड़ों तक अपनी पहुंच बनाता है।
भारत में 1920 में स्थापित भारतीय रेड क्रास सोसाइटी ने भी आपदा प्रबंधन, रक्तदान सेवाओं, टीकाकरण, मातृ-शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रमों और सामुदायिक सहायता कार्यों में उल्लेखनीय योगदान दिया है। कोविड-19 महामारी के दौरान संगठन द्वारा की गई व्यवस्थाओं— क्वारंटीन केंद्र, ऑक्सीजन बैंक, राहत वितरण और मोबाइल मेडिकल सहायता, ने इसकी उपयोगिता को और सशक्त रूप से स्थापित किया।
आज जब विश्व जलवायु परिवर्तन, संघर्ष, आर्थिक असमानता और महामारी जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है, उस समय रेड क्रास दिवस हमें मानवता की मूल भावना को याद करने का अवसर प्रदान करता है। यह हमें प्रेरित करता है कि हम संवेदनशीलता और सहयोग की भावना को समाज में और मजबूत बनाएं। सेवाभाव किसी बड़े संसाधन का मोहताज नहीं है; यह मात्र एक संकल्प है— किसी जरूरतमंद के लिए हाथ बढ़ाने का, किसी संकट में फंसे व्यक्ति को सहारा देने का, और मानवता को सर्वोपरि रखने का।
अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रास दिवस मानव सेवा की उसी शाश्वत परंपरा के प्रति सम्मान का अवसर है। यह हमसे अपेक्षा करता है कि हम हेनरी ड्यूनां के सपने को आगे बढ़ाते हुए समाज में मानवता, करुणा और सहयोग का वातावरण सशक्त बनाएं। यही इस दिवस का वास्तविक संदेश है और यही मानव सभ्यता की सबसे बड़ी शक्ति भी।
