नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क )संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में “यूक्रेन के अस्थायी रूप से कब्ज़े वाले क्षेत्रों की स्थिति” पर हुई बहस के दौरान भारत ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि यूक्रेन संकट का समाधान केवल संवाद और कूटनीतिक प्रयासों से ही संभव है। भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने कहा कि नई दिल्ली संघर्ष को शीघ्र समाप्त करने के लिए हर तरह के राजनयिक प्रयासों का समर्थन करने के लिए तैयार है।

हरीश ने महासभा में कहा, “भारत यूक्रेन की स्थिति को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करता है। निर्दोष नागरिकों की जान जाना अस्वीकार्य है। इस संकट का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं, बल्कि शांति और वार्ता की राह पर ही संभव है।”

उन्होंने आगे कहा कि भारत का रुख शुरू से ही स्पष्ट रहा है कि किसी भी संघर्ष का स्थायी समाधान हिंसा और टकराव से नहीं निकल सकता। इसके लिए सभी पक्षों को धैर्य और विवेक का परिचय देते हुए वार्ता की मेज पर लौटना होगा।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र मंच से दोहराया कि वह शांति स्थापना के सभी प्रयासों का समर्थन करता है और जरूरत पड़ने पर रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए भी तैयार है।
गौरतलब है कि फरवरी 2022 से चल रहा रूस-यूक्रेन युद्ध वैश्विक स्तर पर गंभीर मानवीय, राजनीतिक और आर्थिक संकट का कारण बना हुआ है। हजारों लोगों की जान जा चुकी है और लाखों नागरिक विस्थापित हो चुके हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय लगातार संघर्ष समाप्त करने की अपील कर रहा है।

भारत का यह बयान ऐसे समय आया है जब संयुक्त राष्ट्र समेत कई वैश्विक मंचों पर युद्ध समाप्त करने के लिए कूटनीतिक हल तलाशने की कोशिशें तेज हो रही हैं।
भारत का संदेश साफ है — युद्ध नहीं, संवाद ही समाधान है।