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नई दिल्ली।(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) भारत अब अपनी ड्रोन शक्ति को उस मुकाम पर ले जा रहा है, जहां से चीन, पाकिस्तान और तुर्की के लिए सीधी चुनौती शुरू हो चुकी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय सेना उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर एयर सर्विलेंस नेटवर्क की कमियों को दुरुस्त करने की तैयारी में जुट गई है।

उन्नत रडार सिस्टम की खरीद की तैयारी
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान से होने वाली छद्म निगरानी और हमलावर यूएवी (ड्रोन) की घुसपैठ को रोकने के लिए भारतीय सेना जल्द ही नए उन्नत रडार लगाने जा रही है। ये रडार सिस्टम खासतौर पर रडार क्रॉस-सेक्शन (RCS) वाली हवाई वस्तुओं का पता लगाने, उन्हें ट्रैक करने और उन पर हमला करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। ऐसी तकनीक का फायदा यह है कि ड्रोन जैसे छोटे और छिपकर उड़ने वाले लक्ष्यों को भी यह सिस्टम आसानी से पकड़ सकता है।

आकाशतीर वायु रक्षा नेटवर्क में होगा इंटीग्रेशन
मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इन नई प्रणालियों को सेना के आकाशतीर वायु रक्षा नेटवर्क में शामिल किया जाएगा। आकाशतीर पहले ही पाकिस्तान के ड्रोन हमलों को नाकाम कर चुका है और अब इसे और मजबूत किया जा रहा है।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान का ड्रोन दांव
जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद इस्लामाबाद ने बड़े पैमाने पर ड्रोन का इस्तेमाल किया। बताया गया कि पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमलों का बदला लेने के लिए भारत ने सीमा पार आतंकी ढांचों पर हवाई हमले किए थे। इसके जवाब में पाकिस्तान ने ड्रोन और युद्धक हथियारों के जरिए भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की।

लेकिन भारतीय सेना ने अपनी स्वदेशी आकाशतीर वायु रक्षा प्रणाली का इस्तेमाल कर पाकिस्तान के ड्रोन हमलों की पूरी श्रृंखला को विफल कर दिया। यही वजह है कि अब भारतीय सेना इसे और उन्नत तकनीक से लैस करने जा रही है।

रणनीतिक बढ़त की ओर भारत
भारत की यह नई तैयारी सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि चीन और तुर्की जैसे देशों के लिए भी एक बड़ा संदेश है, जो आधुनिक ड्रोन युद्ध तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले समय में यह कदम भारत को एशिया की सबसे मजबूत ड्रोन शक्ति के रूप में स्थापित कर सकता है।