तेहरान और मशहद से लौटे भारतीय छात्र, ‘ऑपरेशन सिंधु’ बना संकट में सहारा - राष्ट्र की परम्परा
August 19, 2025

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

तेहरान और मशहद से लौटे भारतीय छात्र, ‘ऑपरेशन सिंधु’ बना संकट में सहारा


भारत सरकार के कुशल समन्वय से तनावग्रस्त ईरान से सुरक्षित वापसी, परिवारों को मिली राहत

नई दिल्ली। (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)ईरान से क्षेत्रीय तनाव के बीच भारतीय छात्रों की सकुशल वापसी का सिलसिला जारी है। शुक्रवार (21 जून) की शाम एक विशेष विमान 310 भारतीय छात्रों को लेकर तेहरान से दिल्ली हवाई अड्डे पर सुरक्षित उतरा। यह राहत भरी खबर उन परिवारों के लिए बड़ी सुकून देने वाली रही, जो बीते दिनों से अपने बच्चों की वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।

इससे पहले, 20 जून की रात भी एक और विशेष उड़ान 290 छात्रों को लेकर मशहद से दिल्ली पहुंची थी। इनमें से अधिकांश छात्र जम्मू-कश्मीर से संबंधित थे। इन निकासी अभियानों को भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत अंजाम दिया गया, जिसे इजरायल-ईरान संघर्ष के कारण पैदा हुई अप्रत्याशित स्थिति के मद्देनज़र शुरू किया गया है।

विदेश मंत्रालय और तेहरान स्थित भारतीय दूतावास की सतर्क निगरानी में इन उड़ानों का संचालन किया गया। छात्रों की यात्रा, सुरक्षा और आगमन से जुड़े सभी पहलुओं की बारीकी से निगरानी करते हुए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गईं। दिल्ली आगमन के बाद, सभी यात्रियों की स्वास्थ्य जांच, आव्रजन प्रक्रिया और सहायता सुविधाओं का सुचारु रूप से पालन किया गया।

देश लौटे छात्रों और धार्मिक तीर्थयात्रियों ने भारत सरकार, विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कठिन हालात में यह समन्वित प्रयास उनके लिए जीवन रक्षक सिद्ध हुआ। जम्मू-कश्मीर छात्र संघ ने भी एक आधिकारिक बयान जारी कर सरकार और संबंधित एजेंसियों के त्वरित हस्तक्षेप के लिए धन्यवाद प्रकट किया।

दिलचस्प तथ्य यह भी है कि भारत के निकासी प्रयासों को सुविधाजनक बनाने के लिए ईरान ने 20 जून को विशेष अनुमति देकर अपने हवाई क्षेत्र को खोला, जिससे राहत अभियान में तेजी लाई जा सकी। छात्रों को पहले तेहरान से मशहद लाया गया था, जहां से उन्हें ईरानी एयरलाइनों द्वारा संचालित विशेष उड़ानों के ज़रिए भारत भेजा गया।

इस प्रकार, ‘ऑपरेशन सिंधु’ भारत के संकट प्रबंधन और नागरिक सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का एक सशक्त उदाहरण बनकर उभरा है। देशभर से उठ रही प्रशंसा की आवाज़ें इस अभियान की सफलता और मानवीय मूल्यों के प्रति सरकार की सजगता को रेखांकित करती हैं।