Saturday, October 18, 2025
HomeUncategorizedभारतीय वायुसेना को चाहिए अतिरिक्त राफेल, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अनिवार्य

भारतीय वायुसेना को चाहिए अतिरिक्त राफेल, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अनिवार्य

नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। भारतीय वायुसेना (IAF) के लिए अतिरिक्त राफेल लड़ाकू विमानों की मांग अब केवल एक तकनीकी आवश्यकता नहीं रही, बल्कि यह सीधे-सीधे देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक मजबूती से जुड़ गई है। मिग-21 जैसे पुराने विमानों को चरणबद्ध तरीके से सेवा से हटाए जाने के बाद वायुसेना के स्क्वाड्रनों की संख्या लगातार घट रही है, जिससे शक्ति संतुलन बनाए रखने की चुनौती और गंभीर हो गई है।

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पड़ोसी देशों के तेजी से हो रहे सैन्य आधुनिकीकरण के बीच भारत को भी अपनी वायु शक्ति में तत्काल बढ़ोतरी करनी होगी। पाकिस्तान ने हाल के वर्षों में जे-10सी और एफ-16 जैसे उन्नत लड़ाकू विमानों पर अपनी निर्भरता बढ़ा ली है, वहीं चीन के पास अत्याधुनिक 5वीं पीढ़ी के जे-20 फाइटर मौजूद हैं। यह दोनों देश अपने वायुसेना बेड़े में लगातार नई तकनीक और हथियार प्रणालियां जोड़ रहे हैं।

भारत-पाक और भारत-चीन सीमाओं पर बढ़ते तनाव और बदलते भू-राजनीतिक हालात के बीच, वायु श्रेष्ठता हासिल करना केवल रक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय रणनीतिक दबदबे के लिए भी जरूरी हो गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि राफेल जैसे आधुनिक लड़ाकू विमानों की संख्या बढ़ाने से भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता, प्रतिक्रिया समय और हवाई अभियानों में सफलता की संभावना कई गुना बढ़ जाएगी।

रक्षा सूत्रों के अनुसार, सरकार और वायुसेना के बीच अतिरिक्त राफेल विमानों की खरीद को लेकर चर्चा जारी है। यदि यह सौदा जल्द तय होता है, तो आने वाले वर्षों में भारतीय वायुसेना को एक मजबूत और अत्याधुनिक युद्धक बेड़ा मिलने की संभावना है, जो देश की सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ सामरिक बढ़त बनाए रखने में निर्णायक साबित होगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments