विभागीय अधिकारी बने अनजान
बहराइच (राष्ट्र की परम्परा)। सरकार पर्यावरण संरक्षण को लेकर सख्त होकर विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से पौधारोपण करवातीं हैं, सभी जीव के जीवन के लिए शुद्ध और स्वच्छ वातावरण बना रहें।
जहां पर्यावरण संतुलन के लिए प्रतिवर्ष सरकार करोड़ो रुपये ख़र्च कर वन विभाग के तहत नर्सरी से करोड़ों पौधा रोपण करवातीं है, सरकार का उद्देश्य है की पौधारोपण से हरियाली होगी फल मिलेगा और पर्यावरण भी शुद्ध रहेगा और मानव जीव से लेकर सभी जीव के जीवन जीने के लिए शुद्ध वातावरण मिलता रहेगा,लेकिन सरकार की इस मंशा पर लकड़ी ठेकेदार हावी है और जो हरे भरे फल दार सहित आम , कटहल , जामुन, बड़हर, महुआ ,शिसम सहित विभिन्न प्रजातियों के पेड़ो पर आरा चल रहे हैं, जहां इन लकड़ी ठेकेदारों को वन विभाग व उद्यान विभाग का संरक्षण भी प्राप्त है लकड़ी ठेकेदार विभागीय अधिकारी से सांठ-गांठ कर हरे भरे पेड़ो के विभिन्न प्रजातियों को पुराने फलहीन व रोगग्रस्त जैसे बता कर परमिट जारी करवा लेते हैं,और फिर सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों से सांठ-गांठ कर बेखौफ होकर हरियाली बागों के पेड़ों का नामोनिशान मिटाने पर जुट जाते हैं। विकास खण्ड नवाबगंज अन्तर्गत क्षेत्रों में इस समय हरे भरे विभिन्न प्रजातियों के पेड़ों पर आरा चल रहा है जहां पर्यावरण अभियान के समाजसेवी कार्यकर्ताओं द्वारा जब सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों से शिकायत करते हैं तो या तो विभाग के अधिकारी अनजान बन जाते हैं या फिर कहते हैं की उस पेड़ों का परमिट बना है।
लेकिन पिछले कुछ दिनों से ब्लॉक नवाबगंज क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्र गंगापुर गुलहरिया, बेलवा भारी, सेमरा, भक्ता पुर गुलरिहा व थाना रुपैडीहा क्षेत्र के नारायनपुर, खरिहानी या के अन्तर्गत बरवलिया गांव, रजापुर ,जलालपुर, आदि ग्रामीण परिक्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर परमिट से अधिक पेड़ काटना हुईं हैं हाल ही में नवाबगंज के होलिया क्षेत्र में परमिट से अधिक पेड़ काटें जाने के शिकायते हुईं लेकिन जब इस क्रम में अब्दुल्ला गंज वन क्षेत्राधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गंगा पुर गुलरिहा क्षेत्र में परमिट से अधिक पेड़ काटे जाने की शिकायत आई थी जिसपर पर करवाईं किया गया है और जहां जहां भी ऐसी शिकायत मिली है उस की जांच की जा रही और जहां भी परमिट से अधिक पेड़ों की कटान या बिना परमिट के पेड़ों की कटान हुईं हैं उन पर भी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।इस सम्बन्ध में बहराइच वन प्रभाग के डीएफओ से बात करने पर बताया कि परमिट से अधिक पेड़ों की कटान की शिकायते मिलीं है जिस की जांच की जा रही है, लेकिन अगर इस तरह हरे-भरे वृक्षों पर कटान पर अंकुश नहीं लगाया गया तो मानव जीवन के शुद्ध वातावरण मिलन असंभ्व हो जाएगा और मानव जीवन जीने के लिए दिक्कत हो जायेगी।
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