नवरात्र का महत्त्व

•डा. अंजनी अग्रवाल ‘ओजस्वी’

   भारत में नवरात्र वर्ष में दो बार मनाया जाता है पहला वासंतिक और दूसरा शारदीय। दोनों में छ: मास का अंतराल होता है। दोनों ही ऋतु परिवर्तन के समय होते हैं। पितृपक्ष के पश्चात नवरात्र के समय वर्षा ऋतु समाप्त होने को होती है।मच्छर और दूसरे सूक्ष्म जीव जन्तु वातावरण को अनुकूल देख कर अपना हमला बोल देते हैं। परिणाम स्वरूप मलेरिया, डेंगू आदि रोग चरम पर होते हैं‌।

आयुर्वेद के अनुसार रोगों के प्रादुर्भाव को रोकने का अच्छा उपाय है उपवास करना। नवरात्र के समय रात्रि भजन, कीर्तन और हवन से सब ओर पवित्र धूंए से जीव जंतु बहुत कम हो जाते हैं।
फिर आती है विजया दशमी ।यह अच्छाई की बुराई पर विजय तो है ही परंतु यह पांच ज्ञानेंद्रियों और पांच कर्मेंद्रियों को व्रत और उपवास द्वारा संयमित कर विजय प्राप्त करने का होता है।

इसलिए इसे दशहरा भी कहा जाता है अर्थात दस बुराईयों को हरने वाला।
ये शारदीय नवरात्र हमें नव(नौ)दिन और रात तप, ध्यान और समाधि से नव(नया) करके अपने आप को तैयार करने का होता है।
नौ देवियों की पूजा करने से महिला शक्ति को नमन हम सदियों से परंपरा अपने क्षेत्र के अनुसार करते हैं।कोई अष्टमी और कोई नवमी को पूजन करते हैं छोटी कन्याओं को घर पर बुला कर कर चरण धो कर उनको यथाशक्ति भेंट दे कर वर्ष भर सुख देने का आशीर्वाद मांगा जाता है। इन्हीं दिनों नौ दिनों तक भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जीवन पर आधारित रामायण का मंचन किया जाता है। रावण को दशानन भी कहा जाता है।राक्षस वंश में वे पैदा अवश्य हुये परन्तु प्रतिभा और बौद्धिक बहुत अधिक थी जिसके कारण उन्होंने अपनी दस इन्द्रियों पर विजय प्राप्त की थी।’ विनाश काले विपरीत बुद्धि ‘! उन्होंने अपनी बहन की नाक का बदला माता सीता को अपहरण करके लिया।राक्षस वंश के लिए यह स्वाभाविक था परन्तु मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम को यह रावण को सभ्य समाज में लाना चाहते थे। माता सीता को वापस भेजने को कहा परंतु दस इंद्रियों पर विजय प्राप्त करने वाले को अहं ने उनका वध करने पर मजबूर कर दिया।दशमी के दिन ही रावण दहन होता है।

rkpnews@desk

Recent Posts

बरहज-सोनूघाट मार्ग निर्माण को लेकर जरार रमन में चौथे दिन हुआ प्रदर्शन

बरहज/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)।बरहज-सोनूघाट मार्ग निर्माण की माँग को लेकर आज चौथे दिन भी सपा…

6 minutes ago

हिंदी दिवस पर “अनुगूँज-हिंदी की ” प्रतियोगिता का सफल आयोजन

पटना(राष्ट्र की परम्परा)हिंदी दिवस के अवसर पर टीचर्स ऑफ बिहार ने 7 से 14 सितंबर…

9 minutes ago

विद्यालय मे आया दुनिया का सबसे छोटा श्रीमद्भाभगवत गीता

बरहज/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा )प्राथमिक विद्यालय जयनगर नंबर -2 नगर क्षेत्र बरहज की लाइब्रेरी में दुनिया…

29 minutes ago

जननायक हरिकेवल प्रसाद कुशवाहा की पुण्यतिथि पर ज्ञापन सौंपा

सलेमपुर/देवरिया(राष्ट्र की परम्परा) सोमवार को राष्ट्रीय समानता दल के नेतृत्व में जननायक स्व. हरिकेवल प्रसाद…

43 minutes ago

स्वाद और सृजन का संगम: कुकिंग-बेकिंग प्रशिक्षण से छात्र बन रहे शेफ

बिछुआ/मध्य प्रदेश (राष्ट्र की परम्परा)। शासकीय महाविद्यालय बिछुआ में स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ एवं…

59 minutes ago

जनरेशन-जी से लेकर जनरेशन अल्फा तक : बदलती दुनिया, बदलते बच्चे

“समय के साथ बदलती पीढ़ियाँ और उनका समाज पर असर” समय और समाज के बदलते…

1 hour ago