गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा) तुर्कमानपुर स्थित सुल्तान खान मस्जिद चौराहे पर मोहम्मद अतीक अंसारी के साहबजादे, मोहम्मद आकिब अंसारी के जानिब से जश्न ए गौसे आजम बहुत ही शान व शौकत के साथ मनाया गया।
कार्यक्रम का आगाज कारी शराफत हुसैन कादरी ने कुरान की तिलावत करके की। उसके बाद नात पाक कारी मोहसिन रजा साहब, कारी हबीबुल्लाह फैजी, हाफिज मोहम्मद मोअज़्ज़म निजामी ने बहुत ही बेहतरीन आवाज में पढ़ी , फिर जैसे ही वसीम मज़हर गोरखपुरी ने प्यारी सी नात पढ़ी… एजाज़ नबूवत है यह एजाज पयम्बर, सूरज को इशारों ही इशारों में बुलाया। एक चांद के टुकड़ों को अलग करके दिखाया, उम्मत की शिफाअत के लिए आंसू जो बहाया, जो कत्ल करने आया था उसे कलमा पढ़ाया, दुनिया में हुआ आपके ना कोई बराबर………. पूरी महफिल ने खूब तालियां बजाई। प्यारा सा बच्चा मोहम्मद हसनैन ने एक बहुत ही बेहतरीन आवाज में नात पढ़ी।
कार्यक्रम की सदारत करते हुए पीरे तरीकत हजरत अल्लामा अलहाज, जान शीने हुजूर सूफी निजामुद्दीन व हबीबुल उलमा हजरत हबीबुर्रहमान रज़वी साहब ने बताया कि दुनिया में एक ही बार आने का मौका है इसलिए नेक काम करो ताकि दुनिया और आखिरत दोनों सवर जाए। कार्यक्रम के खुसूसी मेहमान मुफ्ती मुन्ववर रजा मिस्बाही ईमाम दरगाह मुबारक खाँ शहीद ने बताया कि आज के वक्त में हर घर में इस्लाम की तालीम होना बेहद जरूरी है खास तौर से ख्वातीन अगर तालीम हासिल करेंगी तो उसे आने वाली पीढ़ी भी तालीम को हासिल कर सकेगी। कार्यक्रम के खुसूसी मेहमान हाफिज अब्बास निजामी ने बताया कि कुरान की तालीम को आम करो जिससे हर तबके के लोग के इबरत हासिल कर सकें। कार्यक्रम के खुसूसी मेहमान मौलाना मोहम्मद असलम साहब इमाम नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर ने बताया कि अगर मुसलमान सिर्फ कुरान की तालीम को हासिल कर ले उसको पढ़ना और समझना सीख ले तो दुनिया के सारे फंसने और फसाद खत्म हो जाएंगे दुनिया में अमन व सुकून कायम हो जाएगा। कार्यक्रम के सफल निजामत अजीम अहमद नूरी और हाफिज सैफ मिस्बाही ने की। कार्यक्रम के अंत में देश में अमन व सुकून और बेहतरीन रहनुमाओं को कायम करने की माक़ूल दुआ की गई। कार्यक्रम के अंत में तुर्कमानपुर से भावी पार्षद पद के उम्मीदवार मोहम्मद आकिब अंसारी ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी उल्लमा ए कराम का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया। कार्यक्रम के इस अवसर पर दरगाह मुबारक हो शहीद के सदर इकरार अहमद, नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर के सदर मोहम्मद अलाउद्दीन निजामी, हाजी जलालुद्दीन कादरी, जिप्पू भाई, फिरोज अहमद निहाली, इंजीनियर मिन्नत गोरखपुरी, मकसूद अली, कारी जमील मिस्बाही, अरशद जमाल समानी, अरशद अहमद, मोहम्मद इमरान, मोहम्मद अजीम उल्लाह, शेखू एडवोकेट, शिबू खान और नसीम अशरफ आदि लोगों ने शिरकत की।
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