नियमों को लागू कर मनमाने तरीके से वापस ले ले रहे हैं पीडब्ल्यूडी के अधिकारी
आंदोलन को बाध्य है परेशान ठेकेदार

देवरिया (राष्ट्र की परम्परा) लोक निर्माण विभाग ठेकेदारों के साथ आंख मिचौली का खेल खेल रहा है। क्योंकि विभाग द्वारा ठेकेदारों की समस्याओं के निस्तारण के लिए रोज नए नियम बनाए जा रहे हैं और उससे संबंधित परिपत्र भी जारी किया जा रहा है। मगर विभाग के अधिकारी सभी नियमों को धरातल पर आने से पहले ही बदल दे रहे हैं। जिसका नतीजा है कि समस्याएं जस की तस बनी है और ठेकेदार परेशान हैं। ठेकेदारों का डिपाजिट मद और रिटेंशन मनी के रूप में काटी गई धनराज का भुगतान भी नहीं हो रहा है।
इन विसंगतियों को लेकर आदर्श पूर्वांचल ठेकेदार समिति ने नाराजगी जताई है और अधिकारियों को चेतावनी दी है। समिति के अध्यक्ष शरद कुमार सिंह ने पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता को पत्र भेज कर कहा है कि अगर रवैया नहीं बदला तो परिणाम गंभीर होगा। समिति द्वारा भेजे गए पत्र में लिखा है कि पिछले 3 वर्षों से वीआईपी कार्यक्रम में ठेकेदारों द्वारा खर्च की गई धनराज का भुगतान रुका हुआ है। डिपॉजिट धनराज रिटेंशन मनी में कटौती की गई धनराशि अब तक नहीं मिली। जबकि को सरकार प्रणाली लागू होने के बाद ब्याज सहित भुगतान होना चाहिए। निविदा के समय ठेकेदारों की जमानत धनराशि दो प्रतिशत ही तय की गई है। मगर वह 10 प्रतिशत वसूल की जा रही है।
ठेकेदार समिति ने प्रमुख अभियंता को भेजे पत्र में यह भी लिखा है कि रॉयल्टी के अनुबंध के अनुसार क्वांटिटी पर विभाग द्वारा कटौती कर अन्य टैक्स की बात जमा कराई जाए। शासनादेश के मुताबिक शेड्यूल का रेट 6 महीने में संशोधित किया जाए। हर महीने निविदा की तिथि दो ही रखी जाय। सभी शासनादेशों का कड़ाई से पालन कराया जाए और लापरवाह अधिकारियों पर कार्यवाही की जाए। जीएसटी 12 प्रतिशत से बढ़कर 18 प्रतिशत होने के बाद भी पुराने दर पर भुगतान किया जा रहा है।
आदर्श पूर्वांचल ठेकेदार समिति ने कहा है इसके अलावा ग्रामीण मार्गो पर धुलाई का प्रावधान किया जाए। समिति ने कहा है कि अगर हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो ठेकेदार आंदोलन करेंगे।
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