November 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

मै पहचान हूँ भारत की

मुंबई/ महाराष्ट्र(राष्ट्र की परम्परा)
मै पहचान हूं भारत की।
मैं शान हूं भारत माता की ।।

छंद हूं रस हूं सोरठा हूं ।
रामायण की चौपाई हूं।।

क्यों हिंदी को बोलने में,
अपना अपमान समझते हो ।|
क्यों अंग्रेजी बोल के तुम,
अपना अभिमान समझते हो।।

अनपढ़ से होकर शुरू मैं,
ज्ञानी तुम्हें बनाती हूं |।
पर अंग्रेजी फल से शुरू हो ,
जानवर तुम्हें बनाती है।।

मैं भारत का केंद्र बिंदु हूं।
मैं हिंदी हूं मैं हिंदू हूं।।

भारत के नस नस में हूं मै।
धरती से अम्बर तक हूं मैं।।

और भारत के 22 भाषाओं की में रानी हूं ।|
शान से अपनाओ मुझको मैं भारत की निशानी हूं |।

मैं पहचान हूं भारत की।
मैं शान हूं भारत माता की |।

रस हूं छंद हूं सोरठा हुं।
रामायण की चौपाई हूं।।

लेखिका-नूतन रॉय