
मेरा दशहरा इस वर्ष का,
जितना कष्टदायक रहा है,
उससे अधिक सुखद रहा है,
इंसानियत प्रेम जो मिला है।
तेज़ ज्वर से कंपकँपाता तन,
साँसो की तीव्र चढ़न उतरन,
आसरा कमांड अस्पताल में,
आपातकालीन चिकित्सा में।
आख़िर अफ़सर वार्ड की शरण,
डाक्टर्स नर्सिंग स्टाफ सब तत्पर,
छोटे से लेकर सब बड़े से बड़े तक,
आंकोलॉजिस्ट वार्ड एम ओ तक।
अक्सर कमाण्डेंट का राउण्ड,
उनका मुस्कुराता हुआ चेहरा,
उनकी मिलती हौशलाअफजाई,
हर रोगी को रोज़ रोज़ बहुत भाई।
हर स्टाफ़ की दिखती हुई मुहिम
रोगी को खुश रखने की चाहत,
अपना कमांड अस्पताल लखनऊ,
लखनवी तहज़ीब देती है राहत।
रोगी का आधा रोग दूर हो जाता है,
मात्र डाक्टर की सहानुभूति पाकर,
आदित्य मैंने यही पाया है अपने पूरे
सेना सेवा काल से लेकर अब तक।
कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
लखनऊ – 14 अक्तूबर 2024
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