November 22, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

होली आई रे कन्हाई…

होली आई रे, कन्हाई होली आई,
राधा के संग खेलत कृष्ण कन्हाई,
गोपी ग्वाले मिल मस्ती मनाई,
गोकुल, बरसाने वृंदावन जाई,
होली आई रे, कन्हाई होली आई।

रंगों, खुशियों का आया त्योहार,
गिले, शिकवे दूर करने का वार,
सौहार्द, मेल जोल की भावना,
यही है शुभ कामना और बधाई,
होली आई रे कन्हाई होली आई।

मस्ती का माहौल बन गया,
फगुआ गायें, रंग बरसायें,
होली खेलें रघुवीरा अवध मा,
बृज में खेलत कृष्ण कन्हाई।
होली आई रे कन्हाई होली आई।

आज न छोड़ेंगे हम तुमको,
खई के पान बनारस वाला,
चाहे भीगे तेरी चुनरिया,
चाहे भीगे चोली, होली आई।
होली आई रे कन्हाई होली आई।

गुझिया, समोसे की प्लेटे लग गईं,
फूलों की तस्तरियां सज गईं,
मन में हर्षोल्लास है छाई,
आदित्य होली की बहार आई।
होली आई रे कन्हाई होली आई।

कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’