December 21, 2024

राष्ट्र की परम्परा

हिन्दी दैनिक-मुद्द्दे जनहित के

हिन्दू महासभा ने रोहतक में भाजपा प्रत्याशी को दिया समर्थन – बी एन तिवारी

हरियाणा (राष्ट्र की परम्परा)। अखिल भारत हिन्दू महासभा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में रोहतक में गढ़ी सांपला-किलोई विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी मंजू हुड्डा को समर्थन दिया है। मंजू हुड्डा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस प्रत्याशी भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। यह जानकारी गुरुवार को जारी बयान में हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने दी। बी एन तिवारी के अनुसार हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष चंद्रशेखर भट्ट से भाजपा प्रत्याशी मंजू हुड्डा ने हिन्दू महासभा का समर्थन मांगा था। चंद्र शेखर भट्ट ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी को फोन वार्ता में इस संदर्भ में सूचित किया और उनकी अनुमति मिलने के बाद समर्थन का एलान किया। मंजू हुड्डा के समर्थन की घोषणा करते हुए चंद्र शेखर भट्ट ने कहा कि कांग्रेस देश और हिन्दू समाज के लिए नासूर बन चुकी है। देश को सम्पूर्ण रूप से कांग्रेस मुक्त बनाना हिन्दू महासभा की प्राथमिकता है। इसी प्राथमिकता के आधार पर मंजू हुड्डा को समर्थन दिया जा रहा है। राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने बताया कि मंजू हुड्डा को समर्थन और उनके पक्ष में प्रचार अभियान को गति देने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष चंद्रशेखर भट्ट, राष्ट्रीय प्रचार मंत्री पवन शर्मा और राष्ट्रीय प्रवक्ता मदन लाल गुप्ता को समिति का सदस्य मनोनीत किया गया है। समिति हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी के प्रति जवाबदेह रहेगी और प्रतिदिन की समीक्षा रिपोर्ट से उन्हे अवगत करवाएगी। समिति ने रोहतक पहुंचकर प्रचार अभियान की कमान संभाल ली है। समिति के निर्धारण पर हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी स्वयं प्रेस कान्फ्रेस को संबोधित करने रोहतक पहुंच सकते हैं। राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने कहा कि मंजू हुड्डा को हिन्दू महासभा का समर्थन मिलने से कांग्रेस प्रत्याशी भूपेंद्र हुड्डा और उनके समर्थकों में बौखलाहट फैल गई है। भूपेंद्र हुड्डा के माथे पर अपनी करारी हार के रेखा चिन्ह उभरने लगे हैं। उन्होंने दावा किया कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा अपने राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी हार से रूबरू होंगे और उनकी राजनीतिक विरासत का अंत होगा।