Saturday, December 20, 2025
HomeUncategorizedभारत-अफगानिस्तान संबंधों में स्वास्थ्य सहयोग बना नई कड़ी

भारत-अफगानिस्तान संबंधों में स्वास्थ्य सहयोग बना नई कड़ी

अफगान स्वास्थ्य मंत्री का भारत दौरा: मानवीय सहयोग के जरिए नई कूटनीतिक इबारत

काबुल/नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)अफगानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री मौलवी नूर जलाल जलाली का भारत दौरा दक्षिण एशिया की बदलती कूटनीतिक और सामरिक तस्वीर में एक अहम पड़ाव के रूप में देखा जा रहा है। बीते तीन महीनों में भारत आने वाले वह तीसरे तालिबान मंत्री हैं, जो यह संकेत देता है कि काबुल और दिल्ली के बीच संवाद और सहयोग का दायरा लगातार बढ़ रहा है। इससे पहले अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी और उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री नूरुद्दीन अज़ीजी भी भारत का दौरा कर चुके हैं।

ये भी पढ़ें – आगरा से अलीगढ़ तक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे: एक घंटे में पूरा होगा सफर, इन इलाकों से गुजरेगा हाईवे; जमीनों के दाम बढ़ने तय

दिल्ली पहुंचने पर जलाली का स्वागत विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव आनंद प्रकाश ने किया। विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह यात्रा अफगान स्वास्थ्य प्रणाली को सशक्त बनाने के प्रति भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाती है। दौरे के दौरान जलाली ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की, जिसमें भारत ने अफगानिस्तान को दवाइयों, टीकों और आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की निरंतर आपूर्ति का आश्वासन दिया।

ये भी पढ़ें – होम्योपैथिक दृष्टिकोण से सर्दी-खांसी व शीतकालीन बीमारियों से बचाव के प्रभावी उपाय–डॉ. श्याम मोहन श्रीवास्तव

भारत पहले ही अफगानिस्तान को 63,734 डोज़ इन्फ्लुएंजा और मेनिन्जाइटिस वैक्सीन, साथ ही 73 टन आवश्यक दवाइयां भेज चुका है। इसके अलावा आने वाले समय में 128 स्लाइस सीटी स्कैनर समेत एक बड़ा मेडिकल कंसाइनमेंट भेजने की तैयारी है। भारत ने कैंसर वैक्सीन सहित कई जीवनरक्षक टीकों का प्रतीकात्मक हस्तांतरण भी किया, जो इस सहयोग की गंभीरता को दर्शाता है।

ये भी पढ़ें – पाक पूर्व पीएम इमरान खान दोषी करार, पत्नी बुशरा बीबी संग लंबी कैद

यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है और सीमा बंद होने से अफगान व्यापार प्रभावित हुआ है। ऐसे में भारत की “लोगों के साथ खड़े रहने” की नीति काबुल में भरोसे का आधार बनती दिख रही है। बिना राजनीतिक मान्यता दिए, मानवीय सहायता के माध्यम से भारत ने अफगान समाज में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है।

ये भी पढ़ें – हाईकोर्ट का सख्त संदेश: ‘सर तन से जुदा’ नारा भारत के संविधान के खिलाफ

विशेषज्ञों का मानना है कि अफगान स्वास्थ्य मंत्री भारत दौरा केवल स्वास्थ्य सहयोग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भविष्य में ऊर्जा, खनन और बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्रों में भारत की वापसी का संकेत भी देता है। यह सॉफ्ट पावर कूटनीति क्षेत्रीय राजनीति में भारत की स्थिति को और मजबूत कर रही है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments