Tuesday, December 23, 2025
Homeउत्तर प्रदेशलकीर खींची है?

लकीर खींची है?

कोई व्यक्ति अपने मस्तिष्क में
बिल्कुल स्पष्ट विचार रखता है,
उसका अचार व्यवहार हमेशा,
पूर्ण संतुलित, सकारात्मक होता है।

मस्तिष्क का कूड़ेदान सा उपयोग
जिसमें ग़ुस्सा, घृणा व ईर्ष्या जैसे
दुर्गुण अवयव जमा न किए जायें,
अपितु निज मन व्यथा खूब सुनायें।

मस्तिष्क एक ऐसा कोषागार हो,
जिसमें प्रेम धन, प्रसन्नता धन,
संतोष धन, सम्मान धन आदि,
श्रेष्ठ धन सँजो कर रखे जायें।

क्या मैंने कोई लकीर खींची है?
जीवन की एक तस्वीर पेश की है,
ठंड और घमण्ड का कोई प्रभाव,
क्या मुझमें कभी किसी ने देखा है?

आदित्य निज मन व्यथा खूब सुनाये,
मस्तिष्क का सदुपयोग सदा करवाये,
आँखों से मेरी झलके प्रेम प्यार सदा,
और मेरा मस्तक श्रद्धा से झुक जाये।

  • डा० कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments