Friday, December 26, 2025

सुख – दुःख

कभी ख़ुशी की धूप,हक़ीक़त की छाया,
कहीं ख़ुशी की आशा, दुःख की निराशा,
कुछ खोकर पाना कुछ पाकर खोना,
यही है जीवन की सच्ची परिभाषा।

प्रेम से चुनौतियाँ भी जीती जाती हैं,
क्योंकि प्रेम नि:शुल्क, अनमोल होता है,
प्रेम का सुख सृष्टि का सर्वोत्तम सुख है,
सच्चे प्रेम से तो ईश्वर वश में होता है।

हम तब आगे नहीं बढ़ते हैं जब सब,
कुछ आसान होता हो बल्कि हम तब
आगे बढ़ते हैं जब हम चुनौतियों का
सामना पूरी तत्परता के साथ करते हैं।

आइये आज से हम समस्याओं एवं
चुनौतियों को विकास का मार्ग बनायें,
आपदा को अवसर और अवसर का
फ़ायदा उठाकर कठिनाई से पार पायें।

हम अक्सर घर बदल लेते हैं,
पहनावा व रिश्ते बदल लेते हैं,
कभी कभी दोस्त बदल लेते हैं,
फिर भी हरदम परेशान रहते हैं ।

जीवन का क्या भरोसा, देह नश्वर है,
मृत्यु सत्य है उसका आना निश्चित है
माया का मोह, सारी उमर कमाते हैं,
मुट्ठी बंद आते हैं, ख़ाली हाथ जाते हैं।

उम्र भर ग़ालिब, यही भूल करता रहा,
धूल चेहरे पे, आइना साफ़ करता रहा।
जीवन की यही सच्चाई है आदित्य
ध्यान माया में रमा, श्रीराम जपता रहा।

  • डा. कर्नल आदि शंकर मिश्र, ‘आदित्य’, ‘विद्यावाचस्पति’
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