महराजगंज (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ग्राम पंचायत सचिवों की ऑनलाइन हाजिरी अनिवार्य किए जाने के निर्णय का विरोध अब तेज होने लगा है। सोमवार को विकासखंड घुघली परिसर में तैनात ग्राम पंचायत सचिवों ने काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण सांकेतिक विरोध दर्ज कराया। सचिवों ने स्पष्ट कहा कि वे किसी भी कार्य में बाधा नहीं डालेंगे, लेकिन अपनी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाना आवश्यक है।
सचिवों का कहना है कि ग्राम पंचायत स्तर पर पहले से ही भारी कार्यभार है। इसके अतिरिक्त कई अन्य विभागों के कार्य भी नियमित रूप से कराए जाते हैं, जिससे काम का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में ऑनलाइन हाजिरी अनिवार्य करना व्यावहारिक नहीं है और यह सचिवों पर अनावश्यक बोझ डालने जैसा है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने 5 दिनों के भीतर अपने निर्णय पर पुनर्विचार नहीं किया, तो वे विरोध को आगे बढ़ाते हुए बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। सचिवों ने कहा कि आंदोलन से उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी, क्योंकि वे लंबे समय से समस्याओं के समाधान की मांग कर रहे हैं।
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सचिवों ने ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क कनेक्टिविटी की समस्या को भी बड़ी बाधा बताया। उनका कहना है कि तकनीकी कमियों का आकलन किए बिना ऐसे फैसले लागू करना जमीनी हकीकत से परे है और इससे कार्य प्रभावित हो सकता है।
प्रदर्शन शांतिपूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें सचिवों ने एकजुट होकर अपनी मांगों को शासन तक पहुंचाने का संकल्प लिया।
इस दौरान मोहम्मद खालिद, रामकिशोर वर्मा, विपिन कुमार, ऋषिकेश यादव, अवनीश वर्मा, नागेंद्र पांडेय, अमरेंद्र प्रताप सिंह सहित कई सचिव मौजूद रहे।
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