पटना(राष्ट्र की परम्पर) घने कोहरे और हाड़ हिलाने वाली शीतलहरी में जहाँ आम जन – जीवन ठिठुर सी गई है। वही, दुसरी ओर इस कड़ाके की ठण्ड में भी सरकारी विद्यालयों को खुले रखने और शैक्षणिक गतिविधियां संचालित करने से बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जिसके कारण आये दिन विद्यालय आने वाले बच्चें प्रतिदिन कहीं न कहीं ठंड का शिकार हो रहें हैं। जिससे कोई गम्भीर अप्रिय घटना घटित होने से इन्कार भी नहीं की जा सकती है। मालूम हो कि विभागीय नये आदेशानुसार मौसम प्रतिकूलता या अन्य आपातकालीन परिस्थितियों में भी विभागीय अनुमति प्राप्ति के उपरांत ही जिला प्रशासन द्वारा विद्यालय बन्द का आदेश जारी किया जा सकता हैं । जिससे परिस्थितिजन्य कदम उठाने में प्रशासन के लिए बाधक बन गया है।
शीतलहर के कारण सरकारी विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति पर भी काफी प्रभाव पड़ रहा है।
परिवर्तनकारी शिक्षक महासंघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी मृत्युंजय ठाकुर ने बताया कि सर्वविदित है कि सरकारी विद्यालयों में गरीब आमजनों के बच्चे ही पढ़ते, जिसे इस कड़ाके की ठण्ड में भरपूर गर्म कपड़े के आभाव में विद्यालय आना किसी चुनौती से कम नहीं है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि सभी लड़के – लड़कियों के लिए मौसम अनुकूल भरपूर गर्म कपड़े जैसे :- ऊनी कमीज, पैन्ट, स्वेटर, जैकेट, टोपी,मफलर, जूता, मोजा, गर्म पानी के लिए थरमस, बैग इत्यादि उपलब्ध कराएं। साथ ही राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों में वातानुकूलित वर्गकक्ष बनाएं, ताकि मौसम की प्रतिकूलता का विद्यालय आने वाले बच्चों के स्वास्थ्य पर कुप्रभाव न पड़े। साथ ही विद्यालय आने वाले गरीब आम जन के बच्चे भी विपरीत परिस्थितियों में भी मौसम के साथ अनुकूलन कर आनन्ददायक माहौल में अध्ययन कर सकें।
ठाकुर ने विद्यार्थी हितार्थ इस दिशा में बिहार सरकार से त्वरित कदम उठाने की मांग की है।
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