
अक्सर एक प्रश्न मन में उठता है
कि मै अति गरीब हूँ, अच्छा खाना,
अच्छे घर में रहना और अच्छी नींद
मुझे कहाँ और कैसे मिल पाएगी।
वास्तविकता मानव के जीवन की
होती है कि आवश्यकतानुसार ही
ज़रूरतें प्रत्येक की पूरी की जायें,
बिना ज़रूरत कुछ कभी नही पायें।
ज़ोरों से भूख लगे तब भोजन करने से
सादा भोजन स्वादिश्ट व्यंजन होगा,
कठिन परिश्रम, ईमानदारी, तत्परता
के बाद नींद में कोई नहीं ख़लल होगा।
विनम्रता से लोगों का आदर सम्मान
करने से उनके दिल में निवास करेंगे,
ऐसा निवास सबसे आलीशान होगा,
ऐसा व्यक्ति सदा ही बुद्धिमान होगा।
यदि ऐसी शिक्षा हम आज अगली
पीढ़ी को देने का दृढ़ संकल्प करें,
आदित्य भविष्य उनका, समाज का
सुंदर होगा, आइये प्रण आज करें।
- कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’
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