Saturday, November 22, 2025
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एसआईआर वेरिफिकेशन के नाम पर सक्रिय जालसाज: बीएलओ बनकर मांग रहे ओटीपी, प्रशासन ने जारी की सख्त चेतावनी

गोरखपुर (राष्ट्र की परम्परा)।जिले में इन दिनों SIR Verification Fraud तेजी से फैल रहा है। साइबर जालसाज खुद को बीएलओ (BLO) बताकर मतदाता सूची सत्यापन का हवाला देते हुए लोगों से मोबाइल पर भेजा गया ओटीपी (OTP) मांग रहे हैं। प्रशासन ने इसे एक संगठित साइबर ठगी करार देते हुए नागरिकों को आगाह किया है कि बीएलओ किसी भी स्थिति में ओटीपी, पासवर्ड या बैंकिंग जानकारी नहीं मांगते।
जालसाज बीएलओ बनकर कर रहे धोखाधड़ी
मतदाता सूची संशोधन और स्पेशल समरी रिवीजन के दौरान साइबर ठग नए तरीके अपना रहे हैं। वे कॉल कर कहते हैं कि आपका नाम, पता या परिवार विवरण सत्यापित करना है। इसी बहाने वे मोबाइल पर भेजा गया ओटीपी मांग लेते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, ओटीपी साझा करते ही जालसाज बैंक अकाउंट, यूपीआई, डिजिटल वॉलेट, ईमेल और सोशल मीडिया तक पहुंच हासिल कर लेते हैं, जिससे खाते मिनटों में खाली हो सकते हैं।
प्रशासन की चेतावनी — “बीएलओ कभी ओटीपी नहीं मांगते”
जिला प्रशासन और चुनाव कार्यालय ने स्पष्ट कहा है कि बीएलओ केवल फॉर्म भरवाने और दस्तावेज सत्यापन तक सीमित रहते हैं।
वे न तो फोन पर सत्यापन करते हैं और न ही किसी प्रकार का ओटीपी मांगते हैं।
प्रशासन ने चेतावनी दी कि यदि कोई कॉल करने वाला खुद को बीएलओ बताकर ओटीपी मांग रहा है, तो वह निश्चित तौर पर जालसाज है।
ओटीपी साझा किया तो खाली हो सकता है बैंक खाता
साइबर सेल के अनुसार कई लोग सरकारी प्रक्रिया समझ न पाने के कारण ठगों के झांसे में आ जाते हैं।
ओटीपी साझा होने के बाद ठग पीड़ित के मोबाइल नंबर और बैंकिंग एप्स को लिंक कर लेते हैं और कुछ ही मिनटों में बचत खाता, यूपीआई बैलेंस और फिक्स्ड डिपॉजिट खाली हो जाते हैं। कई बार जालसाज पीड़ित की पहचान का दुरुपयोग अन्य अपराधों में भी कर लेते हैं।
कैसे बचें SIR Verification Fraud से?
किसी भी व्यक्ति को ओटीपी, पासवर्ड या बैंकिंग जानकारी बिल्कुल न दें।
बीएलओ कभी फोन पर सत्यापन नहीं करते।
संदिग्ध कॉल आते ही कॉल काटें और नंबर ब्लॉक करें।
तुरंत 1930 साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराएं।
वोटर आईडी, केवाईसी या बैंक अपडेट के बहाने ओटीपी मांगने वाली कॉल से सावधान रहें।
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने कहा कि आम नागरिक इस जानकारी को परिवार, पड़ोस और बुजुर्गों के साथ साझा करें, ताकि कोई भी इस SIR Verification Fraud का शिकार न बने।
प्रशासन ने जोर देकर कहा— “सतर्कता ही सुरक्षा है, ओटीपी साझा करते ही आर्थिक नुकसान तय है।”

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