
नई दिल्ली(राष्ट्र की परम्परा डेस्क) सोमवार को संसद के उच्च सदन राज्यसभा ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित की। 80 वर्षीय सोरेन का राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लंबी बीमारी के बाद आज निधन हो गया। उनके सम्मान में राज्यसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि शिबू सोरेन एक विशिष्ट आदिवासी नेता थे, जिन्हें दिशोम गुरु के नाम से जाना जाता था और जनता उन्हें ‘गुरुजी’ कहकर पुकारती थी। वे आदिवासी समाज के अधिकारों और विकास के लिए निरंतर संघर्षरत रहे और उनकी आवाज संसद से लेकर सड़कों तक गूंजती रही।
सोरेन के राजनीतिक जीवन की शुरुआत आदिवासी अधिकार आंदोलन से हुई थी और वे झारखंड राज्य के गठन के प्रमुख सूत्रधारों में से एक रहे। अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने कई बार संसद और झारखंड विधानसभा में जनता का प्रतिनिधित्व किया और तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने।
उनके निधन की खबर से झारखंड समेत पूरे देश में शोक की लहर है। राजनीतिक और सामाजिक जगत की कई हस्तियों ने उनके योगदान को याद करते हुए संवेदना व्यक्त की है।
फोटो – सौजन्य से राज्य सभा टीवी
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