Saturday, December 27, 2025
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बाढ़ की तबाही: मुंगेर समेत कई जिलों में गंगा का उफान, जनजीवन अस्त-व्यस्त

गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, बिजली ग्रीड तक डूबे, डूबने से मौत के मामले भी बढ़े

पटना(राष्ट्र की परम्परा डेस्क)
बिहार में बाढ़ की त्रासदी ने विकराल रूप लेना शुरू कर दिया है। गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे पटना, मुंगेर, भागलपुर सहित कई जिलों में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। बीते कुछ दिनों से हो रही मूसलधार बारिश ने गंगा सहित अन्य नदियों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी कर दी है। इससे निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है।


मुंगेर जिले के बरियारपुर और खगड़पुर प्रखंड के कई पंचायतों के दर्जनों गांव जलमग्न हो चुके हैं। डायवर्सन टूटने के कारण आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है और लोग जान जोखिम में डालकर नावों, ट्रैक्टरों और ऊंचे स्थानों से होकर आना-जाना कर रहे हैं। तालाब, गड्ढे और नदियों में पानी भरने से डूबने की घटनाओं में भी इजाफा हो रहा है।
बरियारपुर क्षेत्र की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। वहां के विद्युत पावर ग्रीड में बाढ़ का पानी घुस चुका है जिससे बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है। वहीं, मुंगेर सदर क्षेत्र और आसपास के कई इलाकों में घरों और स्कूलों में पानी भर गया है। बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है और लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करना पड़ रहा है। पशुपालक अपने मवेशियों को लेकर लखमिनिया बांध पर शरण लिए हुए हैं।
बाढ़ के पानी में डूबने से मौत की घटनाएं भी सामने आने लगी हैं। बुधवार को हवेली खड़गपुर प्रखंड के अग्रहण पंचायत अंतर्गत सठबिग्घी गांव में एक युवक की गहरे गड्ढे में भरे पानी में गिर जाने से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि युवक सरसों लेकर साइकिल से शामपुर जा रहा था, तभी सड़क किनारे एक गड्ढे में भरे पानी में संतुलन बिगड़ने से गिर गया।
हालांकि प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य की बात कही जा रही है, लेकिन ज़मीनी हालात बताने को काफी हैं कि तैयारी अभी भी अधूरी है। प्रभावित इलाकों में नाव, राशन, पानी और प्राथमिक चिकित्सा की समुचित व्यवस्था अब तक नहीं पहुंच पाई है।
गंगा नदी का जलस्तर लगातार खतरे के निशान के करीब पहुंच रहा है। अगर बारिश का दौर ऐसे ही जारी रहा, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
स्थानीय निवासियों ने सरकार और प्रशासन से जल्द राहत सामग्री पहुंचाने, बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास और चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की है।

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