लखनऊ (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)आज के दौर में प्रोफेशनल जीवन जितना तेज़ और प्रतिस्पर्धात्मक होता जा रहा है, उतना ही युवाओं में कॅरियर स्टैग्नेशन (Career Stagnation) यानी ठहराव महसूस करने की समस्या भी बढ़ रही है। हालिया सर्वे के मुताबिक करीब 60 प्रतिशत पेशेवर अपने कॅरियर के शुरुआती या मध्य पड़ाव पर ठहराव का अनुभव करते हैं। वहीं लगभग 40 फीसदी युवा सिर्फ 2 साल के भीतर ही नौकरी बदलने का मन बना लेते हैं।

भले ही यह स्थिति आम होती जा रही है, लेकिन जब यह आपके साथ होती है तो इसे झेलना आसान नहीं होता। अच्छी खबर यह है कि यह केवल एक मानसिक स्थिति है और सही सोच व रणनीति से इससे बाहर निकला जा सकता है।

  1. खुद की पीठ थपथपाएं
    आपने अब तक अपने कॅरियर के लिए कड़ी मेहनत की है— शिक्षा में निवेश किया, अनुभव हासिल किया और नेटवर्किंग में नाम कमाया। ऐसे में खुद को कम आंकने की बजाय अपनी उपलब्धियों को याद करें और गर्व महसूस करें। अगर आपको लगता है कि वर्तमान भूमिका सिर्फ “सुरक्षा” के लिए है और संतुष्टि नहीं मिल रही है, तो नए विकल्प तलाशना बेहतर होगा। याद रखें, नौकरी में स्थायित्व की गारंटी नहीं होती, लेकिन संतुष्टि वही काम देगा जिसे आप सच में करना चाहते हैं।
  2. बदलाव का जुनून अपनाएं
    अगर आप नई दिशा में कदम रखना चाहते हैं— जैसे स्टार्टअप शुरू करना, इनोवेशन करना या नए कौशल सीखना— तो यह समय बिल्कुल सही है। युवावस्था की सबसे बड़ी ताकत होती है उत्साह, जोखिम उठाने की क्षमता और नएपन का जज्बा। यही गुण कंपनियों को भी चाहिए।

नई टेक्नोलॉजी और स्किल्स सीखें
अपने विचारों को प्रोजेक्ट्स में बदलने की कोशिश करें
उद्यमिता (Entrepreneurship) के अवसर तलाशें
प्रोफेशनल नेटवर्क को मजबूत करें

  1. तनाव से बचने के उपाय
    अपनी तुलना दूसरों से करने की बजाय अपनी प्रगति पर फोकस करें
    वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखें
    छोटे-छोटे लक्ष्य तय करें और उन्हें पूरा कर आत्मविश्वास बढ़ाएं
    ज़रूरत पड़ने पर मेंटर या कॅरियर काउंसलर की मदद लें

कॅरियर में ठहराव आना असामान्य नहीं है, लेकिन यह लंबे समय तक नहीं रहना चाहिए। सही समय पर कदम उठाकर, नए कौशल सीखकर और बदलाव का जुनून अपनाकर आप न केवल तनाव से मुक्त हो सकते हैं बल्कि अपने कॅरियर को नई ऊंचाई भी दे सकते हैं।