डीजल इंजन के सहारे सिंचाई कर रहे किसान

सलेमपुर/देवरिया (राष्ट्र की परम्परा)।
क्षेत्र में लंबे समय से बारिश न होने के कारण किसानों की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है। खेतों में नमी की भारी कमी के चलते धान की फसल सूखने लगी है। हालात ऐसे हो गए हैं कि किसान अब डीजल इंजन के सहारे सिंचाई करने को मजबूर हैं, जिससे उन पर आर्थिक बोझ और बढ़ गया है।
किसानों का कहना है कि न तो आसमान से राहत मिल रही है और न ही सरकार की ओर से कोई प्रभावी मदद। सिंचाई विभाग द्वारा संचालित अधिकांश सरकारी नलकूप या तो बंद पड़े हैं या फिर पानी की आपूर्ति बेहद कम है। कई जगहों पर नलकूपों की लाइन में लगने के बावजूद किसानों को समय पर पानी नहीं मिल पा रहा है।
गौरी सोहनाग गांव के किसान शिव नारायण कुशवाहा ने बताया, “यदि जल्द बारिश नहीं हुई तो हमें धान की फसल सूखते हुए देखनी पड़ेगी। डीजल इंजन से सिंचाई कर पाना अब बेहद महंगा हो गया है।”
ऐसी गांव के रामनिवास यादव ने कहा, “सरकारी नलकूप से सिंचाई के लिए लंबी लाइनें लगी रहती हैं। जब तक नंबर आएगा, तब तक फसल सूख चुकी होगी।”
वहीं, चेरो गांव के भेड़िया टोला निवासी आशुतोष यादव ने बताया कि गांव में कई सरकारी नलकूप वर्षों से खराब पड़े हैं। मजबूरी में किसान निजी डीजल इंजन से सिंचाई कर रहे हैं। परंतु बढ़ती महंगाई के बीच यह किसानों के बस से बाहर होता जा रहा है।
किसानों ने शासन से तत्काल राहत की मांग की है। उनकी प्रमुख मांगें हैं – खराब नलकूपों की तत्काल मरम्मत, डीजल पर सब्सिडी और वैकल्पिक सिंचाई साधनों की व्यवस्था। यदि समय रहते इन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो धान की पूरी फसल बर्बाद हो सकती है, जिससे क्षेत्र में भारी आर्थिक संकट खड़ा हो जाएगा।