नई दिल्ली (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)दिल्ली पुलिस ने आगरा के एक होटल से स्वयंभू ‘धर्मगुरु’ स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती (62 वर्ष) को गिरफ्तार कर लिया। उन पर 17 से अधिक छात्राओं के यौन उत्पीड़न और करोड़ों की वित्तीय हेरफेर के गंभीर आरोप लगे हैं। पुलिस की जाँच में सामने आया कि फरार रहने के दौरान चैतन्यानंद ने पिछले 40 दिनों में 13 अलग-अलग होटल बदले और अधिकतर समय साधुओं के बीच छिपकर बिताया।
🔴 फरारी के दौरान बिना CCTV वाले होटलों में छिपता रहा
पुलिस के अनुसार, आरोपी जानबूझकर ऐसे सस्ते होटलों में ठहरता था, जहाँ सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे होते थे। होटल बुकिंग में उसके अनुयायी मदद करते थे। गिरफ्तारी के समय होटल रिसेप्शनिस्ट ने बताया कि शनिवार शाम 4 बजे वह अकेले होटल में पहुँचा था और उसके पास कोई मिलने भी नहीं आया।
🔴 अदालत ने पाँच दिन की पुलिस हिरासत दी
रविवार को दिल्ली की अदालत ने आरोपी को पाँच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा। अभियोजन पक्ष ने बहस में बताया कि आरोपी छात्राओं को धमकाकर देर रात अपने क्वार्टर बुलाता था, उन पर अनुचित दबाव डालता था और गुपचुप तरीके से छात्राओं की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए कैमरे तक लगवाए थे, जिनमें कुछ बाथरूम तक शामिल थे। अब तक 16-20 पीड़िताओं के बयान दर्ज किए जा चुके हैं।
🔴 वित्तीय घोटाले का खुलासा – 8 करोड़ जब्त
जाँच में सामने आया कि चैतन्यानंद ने फर्जी दस्तावेज़ों और अलग-अलग नामों से कई बैंक खाते खोले। पुलिस ने उसके पास से लगभग 8 करोड़ रुपये की संपत्ति, सावधि जमा और बैंक खाते ज़ब्त किए हैं। एफआईआर में दर्ज है कि उसने संस्थान का अध्यक्ष रहते हुए छात्राओं को जबरन बुलाया, अनुचित संदेश भेजे और अपने फोन से उनकी गतिविधियों पर नज़र रखी। गिरफ्तारी से पहले उसने 50 लाख रुपये से अधिक की निकासी भी की थी।
पुलिस को छानबीन में फर्जी विज़िटिंग कार्ड भी मिले हैं, जिन पर खुद को संयुक्त राष्ट्र और ब्रिक्स संगठनों से जुड़ा दिखाया गया था।
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