
बैंगलौर (राष्ट्र की परम्परा डेस्क)धर्मस्थल /कर्नाटक — दक्षिण कर्नाटक के प्रसिद्ध तीर्थस्थल धर्मस्थल मंदिर में कथित रूप से सैकड़ों हत्याओं और बलात्कारों से जुड़े अवैध दफन की जांच के तहत 13 दिनों तक चले तलाशी अभियान में कोई मानव अवशेष नहीं मिला। अधिकारियों ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी।
यह कार्रवाई एक पूर्व सफाई कर्मचारी के सनसनीखेज बयान के बाद शुरू हुई थी, जिसमें उसने मंदिर परिसर में दशकों तक कार्य करने के दौरान कई हत्याओं को देखने और मृत शरीरों को दफनाने का आरोप लगाया था। शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि ‘स्थल संख्या 13’ नामक जगह पर दर्जनों शव दफनाए गए हैं। उसने कहा था, “मैं बेहद भारी मन और अपराधबोध की असहनीय भावना से यह शिकायत दर्ज करा रहा हूं। मैं उन हत्याओं की यादों का बोझ अब नहीं सह सकता। मुझे बार-बार धमकी दी जाती थी कि अगर शव नहीं दफनाए, तो मुझे भी उनके साथ दफना दिया जाएगा।”
जांच के तहत ‘स्थल संख्या 13’ पर ग्राउंड पेनेट्रेटिंग राडार (जीपीआर) तकनीक का इस्तेमाल किया गया और करीब 18 फुट गहरी खुदाई की गई। हालांकि, अब तक कोई मानव अवशेष या संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई है।
यह खुदाई विशेष जांच दल (एसआईटी) की उस व्यापक जांच का हिस्सा है, जिसे इस साल की शुरुआत में शुरू किया गया था। एसआईटी को मामले से जुड़े सभी साक्ष्य जुटाने और शिकायतकर्ता के आरोपों की सच्चाई सामने लाने का जिम्मा सौंपा गया है।
स्थानीय प्रशासन ने कहा कि तलाशी अभियान आगे भी जारी रहेगा और जरूरत पड़ने पर अन्य संभावित स्थलों पर भी खुदाई की जाएगी। मंदिर प्रबंधन ने सभी आरोपों को निराधार बताया है और कहा है कि वे जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं।
मामले ने न केवल कर्नाटक में बल्कि देशभर में सनसनी फैला दी है, क्योंकि यह आरोप एक ऐसे धार्मिक स्थल से जुड़े हैं, जो लंबे समय से आस्था और सेवा का प्रतीक माना जाता रहा है।